1ºसन् 2004 में जैसे ही यू पी ए की सरकार बनी, ठीक दीवाली की रात को हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक स्थल कांची पीठ के शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती को मामूली अपराधी की तरह घसीट कर करुणानिधि की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई हंगामा हो गया प्रणव मुखर्जी ने खुद तुरंत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फोन किया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, कृपया तुरंत हस्तक्षेप करें। मनमोहन सिंह ने असमर्थता जताई और कहा कि मैं कुछ नहीं कर सकता हूं क्योंकि यह सब सोनिया गांधी के आदेश पर हुआ है ( प्रणव मुखर्जी की आत्मकथा में वर्णित ) बाद में पता चला कि शंकराचार्य के कारण धर्मांतरण का काम ठप्प पड़ गया था जिसके कारण वैटिकन नाराज था। इसके बाद भी हिंदुओं का एक तबका आज भी सोनिया गांधी को अपनी आराध्य देवी मानता है। वही तबका मोदी को हिटलर कहता है जबकि इतना कुछ होने के बाद भी तबलीगी जमात पर अभी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई है ।