कोरोना का काम, किसान बदनाम?

क्या किसान आंदोलन से पंजाब, हरियाणा में बढ़े कोरोना केस क्या किसान आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है देखिए ये ज़ोरदार बहस #ATVideo #Coronavirus #Vertical

           

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अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो 1947 विभाजन के नरसंहार का ज़िंम्मेदार कौन ? *बस वैसे ही पूछ रहा हूँ !*

अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो हज़ारों निर्दोष सिखों की हत्या का जिम्मेदार कौन ? *बस वैसे ही पूछ रहा हूँ !*

अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो हज़ारों कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का ज़िंम्मेदार कौन ? *बस वैसे ही पूछ रहा हूँ !*

अम्बानी, अदानी, सिंघवी, टाटा, बिरला, माल्या, ललित मोदी...
*ये मोदी के कार्यकाल में अरबपति बने थे क्या ???*

क्या 85 अरबपतियों को जो 90 हजार करोड़ का लोन दिया गया था ?!
*क्या वो मोदी के समय दिया गया ..

*किस हद की मूर्खता पूर्ण देश भर में बातें है .*

मोदी के काल में तो माल्या के 8000 करोड़ के लोन के जवाब में ED ने उसकी 9120 करोड़ की संम्पत्ति को कब्जे में ले लिया है...

*बस यही गलती हुई है कि मोदी अकेला भ्रष्ट लोगो के खिलाफ लड़ रहा है...*

और

*हमारे देश में नमक और नमकहराम दोनों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं...*
व्यक्तिगत रूप से आप *बीजेपी के विरोधी* हो सकते हैं।
बीजेपी की नीतियों के विरोधी हो सकते हैं ये एक सामान्य प्रकिया है..
और इसमें कुछ गलत भी नहीं है...

परंतु आप आलोचक की हद को पार करके *घृणित-निंदक* बनकर *PM की आलोचना* कैसे कर सकते हैं...?

आप उस व्यक्ति की आलोचना कर रहे हैं जो लगभग 15 सालों से CM के बाद, अब PM रहते हुए भी अपनी सैलेरी राष्ट्र को दान करता आ रहा है PM हाउस में अपना खर्चा स्वयं उठाता आ रहा है...

*PM के निंदा-रस* में डूबते समय क्या आपको खयाल आया कि क्या आपने कभी 1 महीने की सैलेरी राष्ट्र को दान की है...?निन्दा विचारधारा की हो सकती है लेकिन, देश मे कुछ लोग इस प्रकार गरियाते दिखाई देते हैं जैसे उनके बाप को मोदी ने ही मार दिया हो ,प्रधानमंत्री मंत्री पद पर वह जबरदस्ति काबिज नहीं हुआ है लोकतांत्रिक तरीक़े से उसे यहाँ की जनता ने वोट देकर इस पद पर बैठाया है, कुछ लोगों को जब भोंकते हुए देखते तो ऐसा अहसास होता है यह संस्कृति हमारे देश हिन्दुस्तान की तो नहीं हो सकती है।प्रधानमंत्री का पद एक गरिमामय पद होता है उसके लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करना,

₹-240 की LPG-Subsidy तो आप छोड़ नहीं पाते, बाकी... क्या आप में हिम्मत है 1 साल की सैलेरी *राष्ट्र को दान कर दें...?*

तो फिर आप उस व्यक्ति की निंदा कैसे कर सकते हैं जो 15 सालों से ये सब करता आ रहा है...?

3 बार गुजरात का CM रहने के बावजूद किसके पास कोई *बड़ी संपत्ति नहीं* है, परिवार को भी जिसने VIP सुविधाओं से महरूम कर रखा है ।

जिस PM के विदेशी दौरों को आप सिर्फ घूमने फिरने का नाम देते हैं जबकि असली उदेश्य *व्यापारिक समझौते और आपसी सम्बन्ध को सुधारना* होता है।

एक 66 साल का व्यक्ति 6 दिन में 5 देशों की यात्रा करता 40 महत्वपूर्ण मीटिंग में भाग लेता है। *देश का पैसा बचाने के लिए* ऐसी प्लानिंग करता है जिससे होटल में कम से कम रुका जाए और फ्लाइट में नींद पूरी की जाये...
उसके दौरे को आप सिर्फ भ्रमण का नाम देते हैं...?

*वैश्विक मंदी और ख़राब मौसम की मार* झेलने की बाद भी देश पर आंशिक प्रभाव पड़ा है...
और *देश आगे बढ़ रहा है*, क्या इतना काफी नहीं है...?

अगली बार PM की निंदा करने से पहले *अपने गिरेबान में झांककर देखें* और-
अपने आप से तुलना करें कि जिसकी आप निंदा कर रहे हैं, क्या उसके *पैरों की धूल के बराबर* भी हैं क्या...?

कितने शर्म की बात है...
एक तरफ़ जिस व्यक्ति को *सारा विश्व सम्मान दे रहा है*...
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग (जो उसी देश के हैं) उसी सम्मान को गलत साबित करने पर तुले हैं...