योग गुरू रामदेव के वीडियो पर IMA के महासचिव भड़के, देखिए क्या कहा

योग गुरू रामदेव के वीडियो पर IMA के महासचिव भड़के, देखिए क्या कहा #हल्ला_बोल

           

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बाबाजी का सारा विरोध राष्ट्रवादी सरकार के पक्ष में बोलने के कारण हैं अगर बाबा जी इस सरकार के पक्ष में ना बोले तो सारे लोग इनके भक्त हो जाएंगे इस देश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति लाखों वरसों पूर्व से है Baba को बदनाम करने सरकार को बदनाम करने के नियत से के मेडिकल एसोसिएशन अपनी बात कह रही है एसोसिएशन उक्त कहां चले जाते हैं जब जब मरीज के मौत के बाद भी दो दो दिन तक वेंटिलेटर पर रखे रहते हैं और अनाप-शनाप बिल देते हैं उस समय इनकी जुबान क्यों नहीं खुलती पहले इस पर बोले, ये डॉक्टर धमकाने वाला कौन होता है, औरअ मर्यादित तरीके से बात कर रहा है, lagta hai doctor Kisi agent hai


बहुत बेवाकूफ़ बना लिया धर्म के नाम पर लोगो का अपने देश के मगर इस बीमारी ने सबको चौकाया और सबकी आंखें खोल दिया जिनकी अभी भी बंद है उनका उप्पर वाला मालिक है ये रामदेव जैसे लोग मौके का फायदा उठाकर निकाल लेंगे इनको देश में क्या हो रहा है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता एक बार भी इस बंदे ने ये नहीं बोला की जों लोग गुजर गए है हमे बहुत दुख हुआ यहां लोग अपने जान से रहे है और ये साहब अपनी दवाई को बेचने उतरे है कमाल का बंदा है ये भी पहले कहता था कि पेट्रोल और महगांई कम होगी अगर फला सरकार आयेगी और जब सरकार अा गई है तो सब देख भी रहे है क्या क्या लोग तर्क दे रहे है शर्म आनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए पूरे देश के लोगो से


ठीक है बाबा जी कुछ रफ बोल जाते हैं और उनकी टिप्पणी गैरजरूरी थी लेकिन उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण इस मुद्दे को तूल देना है, जो IMA के लोगों ने किया ,ये तक बोला गया कि बाबा ने अपने अवैध दवाइयों को बेचने के लिए ऐसा वक्तव्य दिया।
जाने कितने लोग इस कोरोना और उसके उपचार के बारे में लगातार बोल रहे हैं लेकिन उस पर तो इन कथित उच्च स्तरीय वर्ग के मुंह को लकवा मार जाता है, क्या नहीं बोला गया...??लेकिन बाबा पर पिल पड़े क्योंकि वो उनका कंपटीटर है, इनके पापी पेट का सवाल था सो ये सब नौटंकी तो होनी ही थी।
कौन नहीं जानता कि एलोपैथी का कितना स्याह पक्ष भी इस कोविड की ट्रीटमेंट के चलते हुई।लाखो मर गए जो बच गए उन्हें रोज रोज तमाम प्रकार की अन्य शारिरिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है जबकि आयुर्वेद में ऐसा नकारात्मक प्रभाव बिल्कुल नहीं होता।
जितने लोग हॉस्पिटल नहीं गए होंगे उससे कई गुना अधिक लोग योग प्राणायाम, आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के चलते ठीक हो गए हैं इसलिए इन कथित सेवकों उर्फ धन्ना सेठों को अपने गिरेबान में झांकने चाहिए....!बाबा जी से ज्यादा उलझना इनको भारी पड़ सकता है इसलिए सनद रहे...!


अरे स्वामी ने बोल दिया तो क्यों इतनी फ़ट रही है IMA की यह तो हमे भी पता है योग या आयुर्वेदिक कितना लाभ पहुंचाता है कोई emergency होती है तो allopathic में जाते है लोग, IMA का व्यवहार यह दर्शाता है कि जो लोग डाक्टर बनकर सिर्फ पैसा ही कमाना चाहते हैं उन्हें ज्यादा दर्द हो रहा है यह हर कोई जानता है कैसे pharmaceutical companies अपनी दवाई लिखवाने के लिए इन डाक्टर को कितना लालच देती है और यह बात मैं इसलिए लिख रहा हूँ मैंने भी pharmaceutical में काम किया है लेकिन IMA इस तरह बिफर ना गलत है देश में बहुत ऐसे लोग हैं जो किसी भी प्रफेशन में है अच्छा बुरा सब जगह है, IMA का व्यवहार बहुत ही बचकाना है और सिर्फ किसी पोलिटिकल backing या frustration show कर्ता है


ऐलोपैथिक मे दम होता तो आदमी ऐक निश्चित टाईम पर ठिक होनीचाहीये मगर गंभीर बिमारी मे चाहो जो भी नाम गिनवा दो वोह ठिक ही नही होता है मरने तक ऐलोपैथिक दवाईयां खानी पड़ती है ऐक रोग के आगे ओर रोग बढते ही जाते है नीत नई जांचे नित नई दवाईयां खाते ही रहो सच्चाई ये है। नैचरोपैथी आयुर्वेदीक दवाइयों का कोई साईड इफेक्ट नही है नही ही आपको जीवन भर दवाईया खानी पड़ती है। सच्चाई ये घर का जोगी जोगना बाहर का सीद जोग। आयुर्वेदीक वह ऐलोपैथिक को मिलकर मानवता के हित मे काम करना चाहिए। ऐलोपैथिक आज के समय इतना महंगा ईलाज होगया है हर आदमी के ईलाज व दवाईयाँ लेना बस की बात ही नही रही है। इसलिऐ आप ऐलोपैथिक वाले व आयुर्वेदीक वाले आपस मे इस देश को कुस्ती का अखाडा न बनाओ आपस मे मिल बैठकर आम गरीब आदमी के हित के लिये कोई सस्ती कारगर कोई दवाई पद्धति लावो विकसित करो। मरना सभी को पैसो की अंधी दोड़ को खत्म करो माफीया लोबी को खत्म करो बाकी मे केवल इसलिये विरोध कर रहा हुँ मेरी दुकानदारी पर आंच आ रही है ये भाव भावना ठीक नही है अरे दुनिया याद करेगी ये मानवता के लिये काम बिना लोभलालच के इन महानुभावों ने कर दिया। बाकी इस देश मे बहस करादो तो जीसको कोई समझ नही है वह बिना कारण ही राजनीति अंदर घुसेड़ रहे काम की बात होनीचाहीये कोई लोजिक होनीचाहीये। सम्पूर्ण राष्ट्र का भाव ये है होनी चाहीये सभी दवाई निर्माता देशी विदेशी ऐक मंच पर आये आपस मे सांमजस्य बैठाकर काम करे आमजन के लिऐ सर्वसुलभ कोई चिकित्सा व्यवस्था लाये। हर बात बात पर ऐफ्आईआर दर्ज करना इस तरह तुतुमेमे करना ठिक नही है। क्यों किसी पद्धति को नीचाऊँचा समझ रहे हो सभी का आदर करो उसमे खामीया है गलतिया उसमे सुधार की गुंजाइश है तो उसे अपनी हार तोईन न मानकर बड़ा दिलमन रखकर उसमे सुधार करो उसे ठीक करो उसे सर्वसुलभ होसके वैसा करोना ये लडाई झगडा राजनीति क्यो कर रहे हो। दो सभ्य आदमी की भाषा मे बात करो इतने बड़े मंच से तुतुमेमे कर रहो बात कतई ठीक नही है। प्रेम सद्भाव से ऐक दुसरा का आदरभाव मन मे रहेगा तो काम बनेगा येतो बहस के प्रवाह को कही ओर ही मोड़कर लेजाना चाह रहे है कानून दांवपेंच मे उलझा रहे है। स्वामी जी अब बात आगे बड़ ही गई है तो तमाम ऐलोपैथिक के ईतर चिकित्सा पद्धति वाले ऐक मंच पर आवो पुरी तैयारी के साथ अपना पक्ष तर्क प्रमाण सहीत देश के न्यायालय मे रखो डरो मत निडरता से सच्चाई देश के सामने रखो वास्तव मे सेवा के नाम पर रोग रोगी के आड़ मे कैसे किस तरह आम आदमी को लुटने का खैल चल रहा कितना कितना मेडिसियन का पैसा लिया जा रहा है पुरा काला चिठ्ठा देश की अदालत मे खोल दो। बाबाजी ऐलोपैथिक के ईतर सभी को ऐक होकर आना व लड़ना पडेगा अब आपकी नही आयुर्वेदीक व अन्य पद्धतियों के सही स्थापित होने का समय आगया है। परमात्मा आप सभी का मंगल करे सत्य की विजय हो।
।। राम राम राम राम राम।।


Baba black sheep has some traits - good and bad -
1. Extremely good business sense
Even his soap is “ research and evidence based “ - words used in scientific community for a new medicine / product or treatment strategy.
2. Extremely vocal
As vocal as a waiter would tell his menu / a salesman in a crowded bus / train selling his products
3. Yoga guru - extremely successful
4. Extremely deceitful.
A man who deceived the police by wearing a salwar kameez , is deceiving the whole nation with his products - may it be dairy or pharma products.
5. Extremely shrewd.
Has the government in its grasp.
6. Extremely stupid.
Couldn’t cure his verbal diarrhoea over the years even with all his ‘world class products’, power and money power.


Baba is making controversial statements just to protect the goverment from getting blamed for its failure to handle the 2nd wave of pandemic, in the 2nd wave the goverment was busy in elections, ignored the warning of experts that 2nd wave is going to struck and in fact the goverments busy involvement in election processes further faciltated the chain reaction of covid spread and resulted in a blast of covid cases which just overwhelmed the existing heath care infrastrecture of the country resulting in scaricity of hospitals, hospital beds, oxygen, medicines, healthcare workers, transporting system and ambulances and overall collapse of the system and resulted in high number of deaths, it is not that allopathic medicines r useless, just ask Baba that just 1 year back india was able to control the pandemic so well in the presence of above heath care facilties due to mainly allopathic treatements and not due to goburmutropathy of avuryudha of babaji and now one year later when basic infrastrecture is nonsupportive then how could u expect allopathy to make wonders and true in allopathy the concepts of medicine keep on changing with the avaiability of new evidences which just guide that wheather the existing treatement is usefull or not, whaether it should b continued or not and that is y allopathy has evolved to the current level where as in avuyudha the situition remains static at gobur and guamutre therapy and even today baba is carrying coronil for advertisement despite its use being discouraged one year back.