Petrol-Diesel Price Today: पेट्रोल-डीजल के आज के दाम जारी, जानें अपने शहर में प्रति लीटर की कीमत

पेट्रोल-डीजल के आज के दाम जारी..

           

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सरकारें पेट्रोल-डीजल आदि पर हद से ज्यादा टैक्स बढ़ाकर और अवैध टोलटैक्स लगाकर प्रजा के रुपयें लूटकर रिटायर प्रोफेसरों, टीचरों और डॉक्टरों आदि को पेंशन दे रही है. इसलिये महंगाई बढ़ रही है.
टोलटैक्स अवैध इसलिये है क्योंकि राज्य रोड़टैक्स ले रहा है.

जब तक राज्य पढ़ाता रहेगा और इलाज करता रहेगा
तब तक भारत कमजोर, कर्जदार और दिवालिया रहेगा
महंगाई बढ़ती रहेगी, रोजगार घटते रहेंगे
और न्याय बरसों में मिलेगा

कर्ज चुकाने में असमर्थ सरकारें आंतरिक और विदेशी कर्ज ले ले कर प्रोफेसरों, टीचरों और डॉक्टरों आदि को वेतन दे रही है.


सरकारी विद्यालय और चिकित्सालय अवैध है क्योंकि पढ़ाना और इलाज करना राज्य का काम नहीं है.
पढ़ाना और इलाज करना राज्य का काम नहीं होने से सरकारी पढ़ाई और इलाज का स्तर घटिया ही रहेगा.

टैक्स से चलने वाले राज्य के दो ही काम है रक्षा करना और जल्द न्याय करना और राज्य का सारा रुपया रक्षाव्यवस्था और न्यायव्यवस्था के लिए है.

लेकिन राज्य का रक्षा और न्याय व्यवस्था का अधिकांश रुपया अवैध सरकारी विद्यालयों और चिकित्सालयों में डूबने से सरकारें न्यायालयों और न्यायाधीशों की कमी, सैन्य और पुलिस बलों की कमी, आधुनिक शस्त्रों, उपकरणों और साधनों आदि की कमी, जेलों और थानों की कमी, सड़कों और पुलों की कमी, सड़कों और पुलों के रखरखाव में कमी, रेलमार्गों की कमी, पोर्ट की कमी, अधिकांश जिलों में एयरपोर्ट की कमी और बांध आदि की कमी पूरा नहीं कर कर पा रही है. इसलिये देश की रक्षा और न्याय व्यवस्था कमजोर हो गयी.

रक्षा आवश्यकताओं की कमी सेना, पुलिस, प्रजा और देश को कई रूपों में भयानक नुकसान पहुंचा रही है. और न्यायालयों और न्यायाधीशों की कमी प्रजा को न्याय के लिये सालोंसाल तरसा रही है

पढ़ाना और इलाज करना प्रजा का काम है. अतः सरकारें सरकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों, आंगनवाड़ियों, चिकित्सालयों, पशु चिकित्सालयों आदि को बंद करें और इनमें लगने वाले रुपयों से रक्षाव्यवस्था की सारी कमी को पूरा करें ताकि कमजोर भारत शक्तिशाली बने और न्यायालयों और न्यायाधीशों की कमी को पूरा करें ताकि प्रजा को न्याय जल्द मिले.

शिक्षा के राज्य से मुक्त होते ही देश में हजारों निजी मेडिकल कॉलेज खुलेंगे और देश में डॉक्टरों और अस्पतालों की कमी नहीं रहेगी.

सरकारी विद्यालयों और चिकित्सालयों के बंद होते ही लूटपाट वाले टैक्स हद में आ जायेंगे और टोलटैक्स समाप्त हो जायेगा तो महंगाई भी समाप्त हो जाएगी. तो हर चीज के साथ साथ शिक्षा और किताबें तथा इलाज और दवाईयां आदि भी सस्ती हो जाने से सर्वसुलभ होगी.

सरकारी विद्यालयों और चिकित्सालयों के बंद होते ही गावं-शहरों में निजी विद्यालयों और चिकित्सालयों की संख्या कई गुना बढ़ेगी. संख्या बढ़ेगी तो प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तो कम शुल्क में सबको बेहतर इलाज मिलेगा और बेहतर शिक्षा मिलेगी.

सरकारी पढ़ाई और इलाज भी फ्री नहीं है. सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने वाले और सरकारी चिकित्सालयों में इलाज करवाने वाले जो आवश्यकता की वस्तुएँ खरीदते है उनमें सरकारों के लूटपाट वाले टैक्स और अवैध टोलटैक्स भी शामिल है जिन्हें चुकाकर वे घटिया सरकारी पढ़ाई और घटिया सरकारी इलाज की भारी फीस ही चुका रहे होते है.

कहा जा सकता है कि सरकारी विद्यालयों और चिकित्सालयों को बंद करने से लाखों व्यक्ति बेरोजगार हो जायेंगे.

नहीं होंगे. क्योंकि वे निजी विद्यालय और चिकित्सालय खोल लेंगे और जो नहीं खोल सकते वे निजी विद्यालयों और चिकित्सालयों में नौकरी कर लेंगे. करोड़ों व्यक्ति निजी विद्यालयों और चिकित्सालयों में नौकरी कर ही रहे है.


सरकारें पेट्रोल-डीजल आदि पर हद से ज्यादा टैक्स बढ़ाकर और अवैध टोलटैक्स लगाकर प्रजा के रुपयें लूटकर घाटे में चल रही अवैध सरकारी बैंकों, ट्रेनों, बसों आदि से रिटायर व्यक्तियों को पेंशन दे रही है. इसलिये महंगाई बढ़ रही है.
टोलटैक्स अवैध इसलिये है क्योंकि राज्य रोड़टैक्स ले रहा है.

जब तक राज्य व्यापार करता रहेगा
तब तक भारत कमजोर, कर्जदार और दिवालिया रहेगा
महंगाई बढ़ती रहेगी, रोजगार घटते रहेंगे
और न्याय बरसों में मिलेगा

कर्ज चुकाने में असमर्थ सरकारें आंतरिक और विदेशी कर्ज ले ले कर
घाटे में चल रही अवैध सरकारी बैंकों, ट्रेनों, बसों आदि में
कार्यरत व्यक्तियों को वेतन दे रही है

सरकारी बैंकें, यात्री जहाज, हवाईजहाज, बसें, ट्रेनें और भाड़ा मालगाड़ियां आदि अवैध इसलिये है क्योंकि ये व्यापार का हिस्सा है और व्यापार करना राज्य का काम नहीं है. इसी तरह से, सार्वजनिक बिजली का उत्पादन और विक्रय करना, मकान बनाकर बेचना, उद्योगों का संचालन करना, पेट्रोलियम पदार्थ आदि का आयात और आपूर्ति करना, बीमा करना, डाकघर चलाना, वेअर हाउस किराये से चलाना, दूध डेयरी प्लांट चलाना, खादी भण्डार चलाना, फोन पर बातें कराना आदि काम भी व्यापार की श्रेणी में आते है और व्यापार करना राज्य का काम नहीं होने से ये सब भयंकर घाटे में ही चलेंगे.

राज्य व्यापार करने वाली और रोजगार देने वाली संस्था नहीं है. राज्य रक्षा करने वाली और न्याय करने वाली संस्था है और राज्य का सारा रुपया रक्षाव्यवस्था और न्यायव्यवस्था के लिए है.

लेकिन राज्य का रक्षा और न्याय व्यवस्था का अधिकांश रुपया अवैध सरकारी व्यापार में डूबने से सरकारें न्यायालयों और न्यायाधीशों की कमी, सैन्य और पुलिस बलों की कमी, आधुनिक शस्त्रों, उपकरणों और साधनों आदि की कमी, जेलों और थानों की कमी, सड़कों और पुलों की कमी, सड़कों और पुलों के रखरखाव में कमी, रेलमार्गों की कमी, पोर्ट की कमी, अधिकांश जिलों में एयरपोर्ट की कमी और बांध आदि की कमी पूरा नहीं कर कर पा रही है. इसलिये देश की रक्षा और न्याय व्यवस्था कमजोर हो गयी.

रक्षा आवश्यकताओं की कमी सेना, पुलिस, प्रजा और देश को कई रूपों में भयानक नुकसान पहुंचा रही है. और न्यायालयों और न्यायाधीशों की कमी प्रजा को न्याय के लिये सालोंसाल तरसा रही है

पोर्ट, एयरपोर्ट, सड़कें और रेलमार्ग रक्षाव्यवस्था का हिस्सा है इसलिए इन पर राज्य का पूर्ण आधिपत्य रहना चाहिए. लेकिन राज्य का रक्षाव्यवस्था का अधिकांश रुपया अवैध सरकारी व्यापार में डूबने से सरकारें सड़क निर्माण कम्पनियों को भुगतान करने में असमर्थ होने से सड़कों को निजी कम्पनियों के पास गिरवी रख रही है.

व्यापार करना प्रजा का काम है. अतः सरकारें सरकारी बैंकों, यात्री जहाजों, हवाईजहाजों, बसों, ट्रेनों आदि और अन्य समस्त सरकारी व्यापार और उद्योगों का निजीकरण करें और निजीकरण से प्राप्त रुपयों से विदेशी और आंतरिक कर्ज चुकायें, गिरवी सड़कों को छुड़ायें, निजी हाथों में दिये एयरपोर्ट और रेलवेस्टेशन आदि को अपने आधिपत्य में लें, रक्षाव्यवस्था की सारी कमी को पूरा करें ताकि कमजोर भारत शक्तिशाली बने और न्यायालयों और न्यायाधीशों की कमी को पूरा करें ताकि प्रजा को न्याय जल्द मिले.

सरकारी व्यापार के निजीकरण होते ही देश में व्यापार और निर्यात बढ़ेगा और व्यापार और निर्यात बढ़ेगा तो राज्य के व्यापार करने से कमजोर हो चुकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बेरोजगारी खत्म होगी, शोषण खत्म होगा और हर वर्ग के व्यक्तियों की आय में इजाफा होगा.

सरकारी व्यापार के निजीकरण होते ही लूटपाट वाले टैक्स हद में आ जायेंगे और टोलटैक्स समाप्त हो जायेगा तो महंगाई भी समाप्त हो जाएगी.