PAK से युद्ध हो जाए तो क्या राज्य अपने-अपने टैंक खरीदेंगे : केजरीवाल

PAK से युद्ध हो जाए तो क्या राज्य अपने-अपने टैंक खरीदेंगे : केजरीवाल #Vertical

           

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प्रत्येक वर्ष कोई न कोई बड़ा साइक्लोन उड़ीसा में आता है और काफी नुकसान करके जाता है लेकिन कभी भी आपने नवीन पटनायक जी को टीवी पर आकर ऐड देते या किसी के सामने गिड़गिड़ाते नही देखा होगा !
चाहे बात देश भर में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की हो या ओडिशा की जानदार सड़को की , हर कार्य को बखूबी तरीके से पूरा करते हैं !

ये हैं सही मायने में असल मुख्यमंत्री .
और एक है दिल्ली का ठग धूर्त केजरीवाल , देश की राजधानी , समृद्ध , एक राज्य के मुकाबले बहुत छोटी पर रोज टीवी पर आकर भिखारी की तरह रोना धोना करने के अलावा कोई काम नही !
दिल्ली वालों ने इसे सर पर बैठाकर जो पाप किया है उसे दिल्ली वासियों के साथ साथ देश भी भुगत रहा


भाई केवल रायता फैलाने सुर्खियां बटोरने और आने वाले पंजाब और up चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के टॉप सरकारी स्कूलों और चम चमाते ओवर ब्रिजों के विज्ञापन में लगे रहे और कोरोना पूरी दिल्ली को दो बार विजिट कर के निकल गया, भाई को समझना पड़ेगा कि अब कहीं सोए हुए लोग जग गए तो सिर्फ पंजीरी बांटने से चुनाव जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगा दिल्ली में,बाहर की स्टेट तो भूल ही जाइए महोदय!वोट बैंक इतना भी बड़ा नहीं हुआ है कि अकेले बेड़ा पार लगा दे,आरोपों की राजनीती एक हद तक ही चल पाती है वो भी तब जब दूध के धुले हों!


प्रत्येक वर्ष कोई न कोई बड़ा साइक्लोन उड़ीसा में आता है,और काफी नुकसान करके जाता है!
लेकिन कभी भी आपने नवीन पटनायक जी को टीवी पर आ कर विज्ञापन देते या किसी के सामने गिड़गिड़ाते नही देखा होगा! ना ही केन्द्र सरकार के साथ तू-तू-मैं-मैं करते देखा होगा! ना ही राज्य की समस्याओं के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए ही देखा होगा!
इसलिए वो उड़ीसा के नेता नहीं बल्कि बेटा कहलाते हैं! चुनाव में जनता आंखों पर पट्टी बांध कर उन्हें सत्ता के शिखर पर पहुंचाती है, क्योंकि जनता को इन पर विश्वास है!गैर भाजपा दल का एक मात्र मुख्यमंत्री जिसकी, जितनी प्रशंसा की जाए,उतनी कम है!
काश हर राज्य के मुख्यमंत्री ऐसे ही होते।जय हिन्द जय भारत


केजरीवाल जी प्रवचन देना बंद कर दो बहुत हो गया आप का नाटक दिल्ली ओर देश की जनता ने क्रोना काल मे आप की जो व्यवस्था धी उसका बखुबी मुल्यांकन किया है आप ने फिरी बिजली पानी और अपनी बड़ी बड़ी ऐड के चकर मे दिल्ली की जो बुनियादी समस्याए थी उन पर कोई काम नही किया है आप सिर्फ मोका परस्त काम करते है जब आप का काम हो तो गधे को भी बाप बना लेते हो ओर जव आप का काम निकल जाए तो फिर उसकी तरफ आप देखते भी नही हो अब दवाई का सारा ठिकरा भारत सरकार पर ठोक रहे हो आप को किस लिए दिल्ली ने चुना है खुद दवाई का इन्तजाम करो अगर आप को जादा ही जल्दी है आप का जो तात्पर्य है कि जितनी भी दवाई हिन्दुस्तान मे बन रही सबसे पहले दिल्ली को दे बाकी देश जाए भाड मे मै अगर प्रधान मंत्री होता तो दिल्ली को सबसे बाद मे दवाई देता पता तो चलना चाहिए दिल्ली की जनता को कि जो मुख्य मंत्री उन्होने चुना है वह कितना निकमा और नकारा है !


टूलकिट का जवाब आया है:

"कुछ महत्पूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर"

प्रश्न 1:- भारत में गरीबी कब शुरू हुई?


इनको कहते फसा के मारना पहले छवि बनाने चक्कर मे 35 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान की बात देश की वित्त मंत्री ने बजट में वेक्सीन के लिए की थी ।झूठ फैलाया की भारत अन्य देशों को वेक्सीन भेजी जबकि विदेशो से वेक्सीन बनाने लिए गए कच्चे माल की शर्त पर 84 प्रतिशत वेक्सीन अन्य देशों को वेक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को देना पड़ी न कि सरकार को ।वेक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को किसी भी प्रकार की भारत सरकार द्वारा आर्थिक मदद नही गई नही अन्य देशों की तरह वेक्सीन देश के लिए रिजर्व की अन्य देशों ने जनसंख्या से अधिक वेक्सीन रिजर्व कर ली थी गलत नीतियों के कारण वेक्सीन की कमी है।


यह फर्जी कंजरवाल काम करना नहीं है , किसी को काम करने देना नहीं है ।
इसी पुड़िया के हिसाब से काम कर रहा है ।

वैक्सीन से पहले आक्सीजन आक्सीजन कर रहा था जब आॅडिट की बात होने लगी तो आक्सीजन की किल्लत खत्म हो गई , क्योंकि आक्सीजन सिलेन्डर और जरूरी चीजों की कालाबाजारी तुम्हारे मंत्री और विधायक कर रहे थे । अब क्योंकि आॅडिट का नाम आया तो , आक्सीजन छोड़कर वैक्सीन वैक्सीन करने लगा ।
कोई इतना नीचे कैसे गिर सकता है जितना यह गिर चुका है । विज्ञापन मंत्री टीवी पर आने को तैयार रहता है और तड़पता रहता है ।
बहुत ही शर्मनाक है और घृणित कृत्य है ।


इन माननीय नेता जी के कारण तो दिल्ली में कोराना के हालात खराब हुए क्योंकि इनका सिर्फ काम मोदी जी हमेशा टीवी चैनलों पर आकर बदनाम करना।आखिर जनता टीवी चैनलों से पूछना चाहती है कि देश में क्या एकमात्र मुख्यमंत्री है जो हमेशा टीवी चैनलों पर दिखाया जाता है बाकी के मुख्यमंत्री या तो कुछ जानते नहीं है या फिर कोराना मे जनता की सेवा के कारण टीवी चैनलों पर आने का समय नहीं है।बस इसका उत्तर मिल जाए तो जनता अपने आप समझ जायेगी कि इन्होंने दिल्ली में कोराना की महामारी के समय कितना कार्य किया।जबकि इसी तरह माननीय पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी को बिना सबूत व गवाह से जनता के सामने झूठी फाइलें दिखाकर बदनाम किया था ।जो बाद मे भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला।


पर ऐसे विवादास्पद बयानों से जनता का आपसे मोह भंग होना निश्चित है, पहले इतने दिनों से आपने ये मांग क्यो नही उठाई।अब राज्य सरकार अपने नाकामियों का ठीकरा केंद्र पर डाल रही है। यू तो आप दिल्ली में आपकी सरकार बनी तभी दे ऐसे बयान देते आ रहे हो कोई नई बात नही है।आपको समझदार आम आदमी बनकर काम करना चाहिए ,खुद की इमेज बनाने के लिए टीवी पर आने के बजाय काम करे तो आपका जीवन सार्थक होगा। वैसे ये रोना अन्य राज्य नही रो रहे पर आपकी प्राथमिकता काम के बजाय लोगोंको भ्रमित करना बंद करे।आप केंद्र के दिशा निर्देशो का पालन कर ले तो दिल्ली का प्रॉब्लम सॉल्व हो सकता है।


10ºकेजरीवाल जी थोड़ा पढ़े लिखे व्यक्तियों की तरह विचार रखो, जिम्मेदारी आपकी सरकार की कुछ नहीं क्या या सिर्फ एक कला सीख लिया है आपने सब कुछ केंद्र सरकार पर थोपना दिल्ली में जितने दिलदार होकर बिजली और पानी फ्री कर दिया है वैसे ही कुछ स्वास्थ्य सेवाओं पर भी ध्यान दिया होता तो यह स्थिति नहीं देखने को मिलती आप सभी कोरोना जैसी इस भयावह महामारी में भी राजनीति कर रहे हैं किसी को जिम्मेदारी लेनी नही है बस आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलना है !!
आप इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत थे तो क्या वहा यही काम करते थे सिर्फ आरोप लगाना