स्वामी रामदेव ने भी IMA को लिखा लेटर

बाबा रामदेव को IMA का 1000 करोड़ का मानहानि का नोटिस। रामदेव ने भी IMA को लिखा लेटर #SpecialReport पूरा शो-

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10161703568172580

आयुर्वेदा हमारी संस्कृति है,
ऋषिमुनियों की बेटी है।
एलोपैथी दहेज मे आया है,
जबरदस्ती इसे अपनाया है।।

ऐसी कौन सी बीमारी है,
जिसे आयुर्वेदा ने न मारी है।
फिर क्यों बहस का मुद्दा है।
ये एलोपैथी क्यों हम पर भारी है।

जब तक आयुर्वेदा था सब ठीक था,
हृष्टपुष्ट इंसान और निरोग था।
जब से एलोपैथी आई है,
सबको कोई न कोई बीमारी है।।

एलोपैथी से शरीर जाता है,
अस्थाई राहत दे जाता है।
शरीरी को कमजोर कर जाता है,
जिंदा शरीर को रखता है पर आत्मा को मार जाता है।।

आयुर्वेदा शरीर बचाता है,
जीने की इच्छा बढ़ता है।
शरीर को मजबूत रखता है,
और दुष्परिणाम से बचाता है।।

।। सुरेश मौर्या।।


बाबा आप आयुर्वेद के साथ साथ में योग का प्रचार कर रहे हैं जो बहुत ही सराहनीय कार्य है अब रही बात आपके बिजनेस की तो कम से कम आप स्वदेशी चीजों का महत्व देते हैं और मैं करीब आपके ज्यादा नहीं 4 से 5 प्रोडक्ट यूज करता हूं जिसका दाम करीब 4 से 5 सालों में एक भी पैसा बढ़ाया नहीं गया है बाकी मेरे घर के सदस्य कोई और ब्रांड यूज़ करते हैं जिसके रेट पर मुझको 10 से 5 फ़ीसदी 4 से 5 साल में वसूला गया है आप ऐसे ही लगे रहिए छर्रे ऐसे ही चिल्लाते रहे हैं बाकी आपका कुछ न उखाड़ पाएंगे और ना कुछ कर पाएंगे |
शायद है
जो आप के विरोध में है
उसको पतंजलि मूसली पाक की जरूरत है|


बाबा जी ने ठीक कहा आई एम ए ने कभी अपने डॉक्टरों के खिलाफ बयान बाजी नहीं करी inke Kai hospitals Jo doctor private practice karte Hain bade bade clinic keval attend karte Hain bade bade hospital attend karte Hain jahan swaroopa ka ilaaj hajaron mein hota hai unke khilaf Kabhi bayan Baji Nahin kari achcha patient aata hai aur apni Jaan gawa Kar chale jata hai tab inhen yah baten Kabhi samajh mein Nahin Aaye aur desh droh ki baat karte Hain agar deshdrohi baat karte Hain to Kabhi opposition ko sar uthake poochha han tab Nahin baat Kari deshdroh ka mukadma dial karna chahie


आयुर्वेद कब से है,
जरा उनको बतलाओ।
जो चिल्ला रहे है टीवी पर,
कोई उनको समझाओ।

यूं चिल्लाने से सच्चाई को,
तुम बदल नही सकते।
रामदेव बाबा को तुम,
यूं झुका नही सकते।

एलोपैथी आखिरी उपाय है।
जानते हैं सब।
आर्थिक भावनाओं को लूटता है,
मानते हैं सब।

आयुर्वेदा प्रारंभिक उपाय,
शरीर को मजबूत बनाता है।
ये बीमारियों को मनुष्य से
दूर भगाता है।

वो जो चिल्ला रहे टीवी पर,
कुछ ज्यादा ज्ञानी हैं।
सबको पता है उनके पीछे,
कोई विदेशी बानी है।

आयुर्वेद को चाहो जितना,
अब दबा ना पवोगे।
जादा तुम चिल्लाओगे तो,
अब मुंह की खाओगे।।

।। सुरेश मौर्या।।


ramdev is not a doctor not a ayurveda representative so plz dont associate him with ayush or ayurveda. IMA if any one says anything to modern science and you will react so much then no one have rights to say against ayurveda too.
currently there is no research based medicines in any pathy for covid.
all of them are working together and should work together its not time to compair or fight against each other insted you want then fight against covid together.
yes learn to except, every pathy have its own advantages and disadvantages , you too, nothing is wrong in that every day we get to learn a new thing even covid had tought many new things and yes even ayurvedicdoc are working in icu and wards so we all are fighting all together against covid.
media or social media insted of putting ghee in fire try to resolve and focus on upcoming danger of 3rd wave and let us fight together against it and servive.


क्या बाबा रामदेव ने बंदूक की नोक पर आप को लूटा.?
क्या आचार्य बालकृष्ण ने आपकी जेब काटी.?
क्या आचार्य ने समोसा,चटनी, ताबीज, भभूत के नाम से आपको उल्लू बनाया.?
क्या 200 देशों में योग पहुंचाकर बाबा रामदेव ने ने हाफिज सईद व दाऊद इब्राहिम जैसा गुनाह व वैश्विक अपराध किया है.?
मदर टेरेसा जिसको जीते जी चमत्कारी संत घोषित किया, जो छूकर बीमारी ठीक करती थी
वह हॉस्पिटल में तड़प तड़प कर मरी, आपने कभी सवाल उठाया.?

क्या आचार्य बालकृष्ण या बाबा रामदेव ने खुद को भगवान, गॉड या अवतार घोषित किया.?
क्या हॉस्पिटल खोलना, अनाथालय खोलना, विद्यालय खोलना, धर्मशाला बनाना, शहीदों को सम्मानित करना, लंगर चलना, किसान के खेत से जड़ी बूटियां खरीदकर मिलावट रहित औषिधि बनाकर पाप किया है.?
क्या आचार्य बालकृष्ण ने विजय माल्या, नीरव मोदी की तरह देश को लूटने का अपराध किया है.?
आप वर्षों तक अपनी जेब कटवा कर फेयर एंड लवली रगड़ते रहे, क्या आप गोरे हुए.?
हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोलगेट, नेस्ले तो आपके मामा की कंपनियां हैं!
और वह तो व्यापार करके जो कमाती हैं उसका 10% प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में भेजती हैं.? हैं ना.?
क्या आप ने सवाल उठाया कि जब 2000 साल पहले महर्षि सुश्रुत 100 प्रकार की सर्जरी कर सकते थे, तो आज भारत में आयुर्वेद के ऊपर अनुसंधान क्यों नहीं होता.? क्या आपने सवाल उठाया कभी.?
आज भारत में एलोपैथी के ऊपर सारा बजट क्यों खर्च किया जाता है.?
क्या आपने कभी कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले आतंकवादियों पर सवाल उठाया.?
क्या आपने किसी आंखों के डॉक्टर को चश्मा लगाते हुए इलाज करते देखकर उसके ऊपर सवाल उठाया.?
क्या हमने देश के अंदर लाखों विदेशी कंपनियां जो लूट रही है उस पर सवाल उठाया.?
जॉनसन एंड जॉनसन के ऊपर अमेरिका में पाउडर से कैंसर होने पर 32000 करोड का जुर्माना किया गया, लेकिन शायद इस पर आपको यकीन ना हो तो गूगल कर लो, क्योंकि आप तो 99 रुपये के जियो के क्रांतिकारी हो.? क्या आपने कभी उसके ऊपर सवाल उठाया.?
कभी पोस्ट डाली कि भारत मे उसको बैन किया जाए.?
याद रखिये हम यह विरोध करके पतंजलि का नही भारत का नुकसान कर रहे हैं.?
लाला लाजपत राय ने कहा था कि पूरी दुनिया में केवल भारतीय हिंदू ऐसी कौम है जो अपने महापुरुषों, अपने व्रत, त्योहार, परंपराओं, संस्कृति और अपने भगवानों को गाली देकर उनका अपमान करके गर्व महसूस करते हैं.?
हम होली पर, दिवाली पर, करवा चौथ पर, रक्षाबंधन पर, भगवान श्रीकृष्ण पर, हनुमान जी को भी नही छोड़ा, उन पर चुटकुले बनाकर, उनका मजाक करके, उपहास बनाकर उनके ऊपर पोस्ट वायरल करके हम समझते हैं हम बहुत पढ़े लिखे हो गए,
सोचते हैं कि हमने बहुत बड़ा तीर मार लिया और हम महान हो जाएंगे।
आप पतंजलि बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण को गाली देकर तीस मार खां बन सकते हैं.?
आपको भारत रत्न मिल जायेगा, आप परमवीर बन जायंगे तो आप जरूर कीजिये,
ताकि ऊपर बैठकर भगत सिंह, राजगुरु, आज़ाद, बिस्मिल, सावरकर जी हमे देखकर सिर पीट सके कि वो हम जैसे निक्कमे, नकारा लोगों के लिए क्यों खामखां फांसी चढ़े.?

इसलिए एक बार विचार करें कि इससे क्या होगा, किसका फायदा होगा, हम किसके मोहरे बन गये हैं.?
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मैं एक सामान्य भारतवासी हूं, सेक्युलर नही हूं, जिस पर मीडिया की भांड़गिरी का असर नही है।


विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों को साथ लेकर चलें और ट्रीटमेंट को बीमारियों को सौ 100% curable / treatable / side effect free treatment बनाया जा सकता है , मेरा यहां किसी भी चिकित्सा पद्धति पर व्यक्तिगत रूप से पर अविश्वास नहीं है बल्कि उस पद्धति को, और भी रिसर्च करके 100% curable / treatable / side effect free treatment बनाना चाहिए
यहां कुछ सवाल जो आज के समय के लिए जरूरी हो गए हैं जो हर एक भारतीय का सवाल बनता जा रहा है क्या आप अब समय आ गए हैं कि हम उन पद्धतियों को भी देखें जो हजारों साल से हमारे पूर्वजों ने रिसर्च करके तैयार किया था हिंदू धर्म के विभिन्न ग्रंथों में उन पद्धतियों Ayurveda, Yoga, Naturopathy का वर्णन विस्तार से दे रखा है उनको भी देखना और समझना आज के समय की जरूरत और आवश्यकता हो गई है

इन रिसर्च पर बड़ा बजट लगाना होगा और सरकार और प्राइवेट कंपनियों को मिलकर और इन चिकित्सा अलग-अलग पद्धतियों पर काम करने वाले साइंटिस्ट रिसर्च , पद्धतियों को डेवलप करना चाहिए करना चाहिए

बहुत-बहुत धन्यवाद
आपका अपना
अरुण कूलवाल

Support Ayurveda / Yoga / Naturopathy

#Allopathy #RadiationTherapies #BiologicalTherapy #HormonalTherapy #Chemotherapy #psychotherapy #Ayurveda #Siddha #Unani #Yoga #Naturopathy #Homoeopathy #Electrotherapy #BabaRamdev


एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर जरूर सोचना चाहिए मैं यहां पर किसी डॉक्टर की बुराई नहीं कर रहा या अच्छा बुरा नहीं कह रहा डॉक्टर ने लाखों लोगों की जिंदगी को बचाया है डॉक्टर्स ने अपनी जिंदगी को अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर लाखों लोगों को बचाया है मैं ऐसे डॉक्टर को शत-शत नमन करता हूं ऐसे ही डॉक्टर ने मानव हित के लिए और मानव कल्याण के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर लोगों की सेवा की है
जहां इस चिकित्सा पद्धति एलोपैथी में लाखों लोगों की जिंदगी बचाई है वही इस चिकित्सा पद्धति पर भी 10 सालों से कुछ सवाल उठे हैं कि जो बाबा रामदेव ने सवाल उठाएं वह कुछ हद तक और काफी हद तक सही भी रहे हैं जरूर हमारे scientist or researcher बारे में रिसर्च करना चाहिए एनालिसिस करना चाहिए कि आखिर 50-100 सालों से हम जिस चिकित्सा पद्धति पर विश्वास करते हैं क्या वह चिकित्सा पद्धति इन सब बीमारियों में जो बाबा रामदेव ने सवाल उठाई है
एलोपैथी को 100% curable / treatable नहीं बन पा रही है इस पर तो सवाल उठना वाजिब है लाखों करोड़ों रुपए की रिसर्च के बाद भी, हजारों और लाखों लोगों के इस पद्धति में विश्वास होने के बाद भी, 100% curable / treatable नहीं बन पा रही हैं ।
allopathy को science-based, modern medicine कहा जाता है तो क्या आज आज का साइंस आज का विज्ञान यहां तक ही पहुंचा है इस पर सवाल उठना तो वाजिब भी है मैं एलोपैथी सर्जरी और विभिन्न साइंटिफिक या इक्विपमेंट (Surgery, Radiation Therapies, Biological Therapy, Hormonal Therapy, Chemotherapy, psychotherapy ) के द्वारा जो इलाज किया जाता है वह आज की जरूरत भी है और आज की समय की आवश्यकता भी है लेकिन सर्जरी के बाद जिस तरह का उनको मेडिसिंस / दवाइयां दी जाती है और उस मेडिसिंस और दवाइयों का जो साइड इफेक्ट पेशेंट के विभिन्न अंगों पर हो रहा है तो इस 100% curable / treatable / side effects free क्यों नहीं बनाया जा सका ??
मेरा मानना है अब समय आ गया है कि विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों Allopathy (Surgery, Radiation Therapies, Biological Therapy, Hormonal Therapy, Chemotherapy, psychotherapy ) / Ayurveda, Siddha, Unani and Yoga, Naturopathy, Homoeopathy and Electrotherapy को साथ में लेकर चलें और उसको साइंटिफिक और रिसर्च के द्वारा इन विभिन्न पद्धतियों से चिकित्सा को 100% curable / treatable / side effect free treatment बनाए जा सके और इसमें मैं मानता हूं सरकार को भी इन विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों पर रिसर्च और साइंटिफिक रिसर्च करने के लिए अपना सहयोग देना चाहिए और अपना बजट देना चाहिए और उन कंपनियों को प्रोत्साहित करना चाहिए करना चाहिए जो इन पर रिसर्च पर काम कर रही है
विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों को साथ लेकर चलें और ट्रीटमेंट को बीमारियों को सौ 100% curable / treatable / side effect free treatment बनाया जा सकता है , मेरा यहां किसी भी चिकित्सा पद्धति पर व्यक्तिगत रूप से पर अविश्वास नहीं है बल्कि उस पद्धति को, और भी रिसर्च करके 100% curable / treatable / side effect free treatment बनाना चाहिए
यहां कुछ सवाल जो आज के समय के लिए जरूरी हो गए हैं जो हर एक भारतीय का सवाल बनता जा रहा है क्या आप अब समय आ गए हैं कि हम उन पद्धतियों को भी देखें जो हजारों साल से हमारे पूर्वजों ने रिसर्च करके तैयार किया था हिंदू धर्म के विभिन्न ग्रंथों में उन पद्धतियों Ayurveda, Yoga, Naturopathy का वर्णन विस्तार से दे रखा है उनको भी देखना और समझना आज के समय की जरूरत और आवश्यकता हो गई है

इन रिसर्च पर बड़ा बजट लगाना होगा और सरकार और प्राइवेट कंपनियों को मिलकर और इन चिकित्सा अलग-अलग पद्धतियों पर काम करने वाले साइंटिस्ट रिसर्च , पद्धतियों को डेवलप करना चाहिए करना चाहिए

बहुत-बहुत धन्यवाद
आपका अपना
अरुण कूलवाल

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मैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व फार्मा कंपनियों से विनम्रता के साथ सीधे 25 सवाल पूछता हूँ- Swami Ramdev / Patanjali Yogpeeth




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