1ºदलाली अनलिमिटेड, प्रोपेगंडा अनलिमिटेड..वै-क्सीन के लिए राज्यो के ग्लोबल टेंडर फेल हो चूके है ये सबको मालूम है..पर हो क्या रहा है?
◆ अब वै-क्सीन बनाने की कंपनियो की जगह उनके डिस्ट्रीब्यूटर राज्यो के सामने आ रहे है..300₹ के माल का दाम 1100₹ बता रहे है..पूरा पैसा एडवांस में..
◆ पर शायद कानून के अनुसार राज्य डिस्ट्रीब्यूटर से नही खरीद सकते है..केंद्र खुद खरीद कर राज्यो को देने तैयार नही है..तो क्या होगा? ये डिस्ट्रीब्यूटर आए कैसे? अगर किसी राज्य ने गलती से भी 1100₹ में खरीद लिया तो सीबीआई इन्क्वारी होना तय है..
★ एक नई थ्योरी आई है : झारखंड ने 37% वै-क्सीन बर्बाद कर दी है..झारखंड को 48 लाख वै-क्सीन मिली है और 37% बर्बाद हो गई? ये प्रैक्टिकली सम्भव नही है..यहाँ तक मध्यप्रदेश के बारे में बोला गया कि 11% वै-क्सीन बर्बाद कर दी..मध्यप्रदेश बोल रहा है ये झूठ है..(बीजेपी का राज्य मोदी को झूठा बोल रहा है)
★ बहुत जल्द बोला जाएगा कि विपक्षी राज्य पाकिस्तान में वै-क्सीन स्मगलिंग कर रहे है..बात सीधी सी है : केंद्रीय बजट में 35,000 करोड़ वै-क्सीन के लिए आवंटित हुए थे..इस बजट से देश के हर नागरिक को वै-क्सीन लगाना सम्भव है..
बजट का पैसा किसकी जेब मे चला गया? जवाब तो मोदी को ही देना है.. #krishnaniyer