स्वामी रामदेव का बयान.. मच गया बवाल.#SpecialReport #ATLivestream

स्वामी रामदेव का बयान.. मच गया बवाल.#SpecialReport Anjana Om Kashyap #ATLivestream

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/786173518925209

_WHO विशेषज्ञों एवं डॉक्टर को ये नहीं पता की virus कब कैसे mutate करेगा, हवा से फैलेगा या छूने से, गर्मी में मरेगा या सर्दी में, इस पर Remdesiver काम करेगी या Plazma Therapy या Steroid, Oxygen-Steriod की अधिकता Black White Yellow Fungus जैसी जानलेवा बीमारी को फैलाएगी या नहीं......_

_पर इनको ये पता है कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभाव में लेगी।_

_हमें उतना ही डरना चाहिए जितना डर हमें खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सके, और हमें किसी प्रकार के मानसिक अवसाद की ओर न ले जा सके......_

_कोई दूसरा हमारे डर को हथियार बना के हमारा मानसिक और आर्थिक शोषण ना कर सके।_

सचेत रहिए स्वस्थ रहिए....


हमारी सनातन ऋषि मुनियो की आयुर्वेद दवा को प्राइवेट कंपनी खतम करने पर तुली हैं। भारत ने ही दुनिया को चिकित्सा पद्धति से अवगत करवाया था। बाबा रामदेव हमारी आयुर्वेद चिकित्सा को जीवित रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में Corona me लोग बिना हॉस्पिटल के ही घर पर आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक हो रहे हैं। जिनका पता सरकार को भी नही है। हमे alopethi और आयुर्वेद दोनों की जरूरत हैं। इसमें विवाद नही करना चाहिए बल्कि आपस में सामंजस्य रखकर लोगों की जान बचाने पीआर ध्यान देना होगा। रामदेव ने जो सवाल उठाए हैं उनको पॉजिटिव रूप में लेना चाहिए न की नेगेटिव। इसमें उनकी लोगो की मृत्यु के कारण pr chinta है।


यह कितना सही है मुझे नहीं मालूम लेकिन किसी ने शेयर किया

*जिन्हें लगता है कि बाबा रामदेव और IMA के बीच चल रहा संघर्ष केवल आयुर्वेद बनाम एलोपैथी का संघर्ष है-*
उन्हें प्रोफेसर पीटर सी गोत्जसे की किताब Deadly Medicine and Organized Crime -एक बार जरूर पढ़नी चाहिये, 2013 में प्रोफेसर गोत्जसे की किताब ने फार्मा उद्योग के ऐसे स्याह पक्षों को सामने रखा था, जिससे दुनियां हिल गयी थी,
प्राफेसर ने फार्मा उद्योग को सर्वाधिक कातिल उद्योगों में से एक बताया है- *किताब में फार्मा उद्योग की तुलना तम्बाकू उद्योग से की गयी है,और कहा गया है कि यह दोनों उद्योग राजनीतिज्ञों और आम व्यक्तियों का किसी निष्कर्ष पर पहुंचने नहीं देते और शोध के नाम पर निरंतर भटकाते रहते हैं-*

इससे भी आगे बढ़कर प्रो. गोत्जसे यह दावा करते हैं कि -दवाओं के रिसर्च का जो मौजूदा ढांचा है, वह स्वयं फार्मा कम्पनियों द्वारा प्रायोजित है- उसमें ईमानदारी और पारदर्शिता का अभाव है और वह विश्वसनीय नहीं है,
*इस लिजलिजी और भ्रष्ट व्यवस्था के कारण शोध के नाम पर दवाओं की ऊंची कीमत रखकर लोगो को आर्थिक रूप से लूटा ही नहीं जाता है- बल्कि स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जाता है-*
एक रिपोर्ट के अनुसार अकेले अमेरिका मे साल 2015 में डाॅक्टरों ने जिस तरह से दवाएं प्रेस्क्राइब की, उसके चलते दो लाख लोगों की मौत हो गयी-
भारत में क्या स्थिति होगी, वह ईश्वर ही जाने, क्योंकि ऐसी रिपोर्ट है, जो यह दावा करती है कि Clinical Trial के लिये सभी बड़ी फार्मा कम्पनियां भारत या अफ्रीकी देशों को चुनती है- क्योंकि इन देशों में कानून बहुत लिजलिजे हैं-

*इसलिए बाबा रामदेव का मामला आयुर्वेद और एलोपैथी के संघर्ष से अधिक है- यह एक ताकतवर व भ्रष्ट लाॅबी को सीधे- सपाट में अंदाज में ललकारने का मामला है-*
बाबा रामदेव इसलिये भी खटकते हैं कि -
*वह केवल सवाल नहीं उठा रहे हैं, बल्कि सस्ता और सदियों से परखा हुआ विकल्प भी लोगों को सामने रख रहे हैं-*
इसलिए उनका भस्त्रिका कपालभाति,अनुलोम विलोम और आयुर्वेद जहां करोड़ो लोगों के लिये इस महामारी में रामबाण बन रहा है, वहीं ताकतवर लेकिन अमानवीय सिंडिकेट की बेचैनी के स्तर को बहुत बढ़़ा दिया है-
*यह लोग आयुर्वेद को टोना टोट का कहें या चूरन चटनी वाले हकीम, कोई FIR नही करता- यह लोग चाहे वैक्सीन का सरे आम मजाक बनाये, कोई FIR नहीं करता पर बाबा रामदेव पर दरियागंज थाने मे FIR हो गयी-*

इसलिए आयुर्वेेद के पक्षधर लोगों को अपनी बात संयम के सतत रूप से कहते रहनी चाहिये- कोरोनिल की लाॅंचिंग के समय भी यही मजाक बनाया गया था -
*पर यह तथ्य है कि जिसने कोरोनिल, गिलोय , नीम , अणुतेल इस्तेमाल किया वह या तो सुरक्षित है या अपवाद छोड़ कर- कोरोना के घातक वार का शिकार नहीं हुवा. बल्कि एक साल मे ऐसे लोगो को एक बार भी टेस्ट तक की जरूरत नही पड़ी-*

योग को स्थापित करने के लिए कयी वर्ष लगे, कयी बाधायें खड़ी की गयी, वैसा ही आयुर्वेद के मामले में भी होगा-
*यह भी तय है कि जिस तरह से कभी विरोध करने वाले आज योग कर रहे हैं, वैसे आज आयुर्वेद का विरोध करने वाले भी एकदिन आयुर्वेद की ही शरण में आयेंगे जरुर, वआ रहे है- मुझे अपनी ही कोरोना बीमारी में मेडिकल कालेज में भर्ती के दोरान ही ई घरेलू आयुर्वेदिक उपाय अपनाने को डाक्टरों ने कहा व मैने अपनाये जिसका मुझे लाभ भी मिला-*
डटें रहें, बिना खीझ के अपनी बात कहते रहें- आयुर्वेद शरीर का ही नहीं मानसिकता का भी ईलाज करने में सक्षम है-
*इम्युनिटि के लिये योग प्रणायाम संगीत, खानपान,आनंद में रहना और सावधानी, यह सभी जरूरी है- ऐलोपैथी केवल उनके लिये है जो बीमार हो चुके- किन्तु आयुर्वेद दोनों स्थितियों में लाभदायक है..*


सलवार धारी रामदेव एलोपैथिक के ऊपर प्रश्न उठाना बिल्कुल सामान्य बात नहीं है इसके पीछे बड़ा सणयंत्र छुपा हुआ है
हेल्थ वैरिर्यस के सम्मान में साहब ने थाली ताली घंटा घंटी बजाकर पूरे देश को सम्मान करने को कहा पूरे देश में सम्मान किया
आज वहीं डॉक्टरों को कटघरे में खड़ा करने वाला सलवार धारी रामदेव ने एलोपैथिक चिकित्सा को कलंकित करने का कार्य किया या करवाया गया क्योंकि
सब पैसे का खेल है
पतंजलि का प्रॉफिट
2016-17-1190 करोड़
2017-18-343 करोड़
2018-19-349'04 करोड़
2019-20-242'60 करोड़
पतंजलि का धीरे-धीरे प्रॉफिट कम होता गया उसके लिए सलवार धारी रामदेव ने कोरोनील बनाई और उस उसको प्रमोट करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी एवं परिवहन मंत्री गडकरी जी लांचिंग करने गए थे विश्व स्वास्थ संगठन और भारतीय मानक संस्थान है उसके ऊपर आपत्ति उठाई सलवार धारी उर्फ रामदेव को कहना पड़ा यह इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कोरोनील है
इस विवाद को खड़ा किया गया है इसके पीछे सत्ताधारी यों का खेल वह ऐसे समझ में आता है कि हरियाणा सरकार ने कोरोनील पतंजलि का आर्डर दिया है
और एक विवाद खड़ा करके एलोपैथिक आयुर्वेद के बीच सलवार धारी रामदेव ने पूरी दुनिया में कोरोनील कि मुफ्त में उसको पब्लिसिटी मिली जिसका उसी को आर्थिक लाभ होगा
क्या साहब के असफलता को ढकने के लिए जनता को भ्रमित करने के लिए ध्यान भटकाने के लिए यह खेल तो नहीं खेला गया क्योंकि उत्तर प्रदेश आगामी होने वाले चुनाव की पृष्ठभूमि तो नहीं तैयार की जा रही है लाखों लोगों का नरसंहार हुआ तो उसके लिए डॉक्टर को जिम्मेदार बताकर कटघरे में खड़ा किए जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है जिससे कि साहब की छवि बचाई जा सके यह विचारणीय प्रश्न है
चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद का भी एक अलग विशेष महत्व है उस महत्व को नकारा नहीं जा सकता परंतु लंस डैमेज होने पर कोरोलीन इफेक्टेड होगी बिल्कुल नहीं होगी करोलीन इम्यूनिटी बढ़ाने में तो कारगर हो सकती है परंतु कोरोना से लड़ने में बिल्कुल नहीं दुनिया ने अभी तक कोरोना कि कोई भी मेडिसिन नहीं बना पाई है जिसके लिए पूरी दुनिया भारी बजट खर्च कर रही है परंतु अभी तक सफलता नहीं मिली
देश के साथ धोखा है छलावा है देश को गुमराह किया जा रहा है इस महामारी में भी देश श्मशान बन चुका है लाखों लोग बिना ऑक्सीजन के मर गए हैं उसके बाद भी सरकार संवेदनशील नहीं हैं संवेदनशील होती जिन डॉक्टरों को सम्मान दिया गया आज उन डाक्टरों का व्यापारी रामदेव पूरे विश्व के डॉक्टरों को अपमानित कर रहा है कलंकित कर रहा है और भारत सरकार चुप है कोई एक्शन नहीं है इससे साफ जाहिर होता है यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है देश की जनता को समझना होगा इसका पर्दाफाश करना होगा और सलवार धारी रामदेव को गिरफ्तार करना चाहिए और कड़ी से कड़ी सजा दिया जाना चाहिए
सलवार उर्फ रामदेव भारत सरकार को चैलेंज दे रहा है किसी के बाप में दम नहीं है कि मुझे गिरफ्तार कर सके
इस पाखंडी की इतनी हिम्मत कि भारत सरकार को चैलेंज दे सके


Govt should.
1)Ban commission by testing labs to doctors.
2) doctors must write only generic name of medicines.
3) harmonise testing charges.
4) no price discrimination for icu as general or 1st class patients. After all it is the same room & same treatment provided unless hospitals disagree with same quality treatment.
5) patients should be allowed outside independent doctors consultation at hospital for second opinion.
6)All India citizens should be rought down under one insurance policy.
7)to avoid loots of disposable items it should be made compulsory replacement based use
Community can finance to free supply.
8) all ventilators can be supplied & installed by community at each & every hospital. So it should not be charged by hospital.


1000 करोड के मानहानी के संबंध मे IMA से कुछ सवाल
1. अपने व्यक्तिगत विचार सार्वजनिक तौर पर व्यक्त करना ये हर व्यक्ती का अधिकार है. काँग्रेस , कम्युनिस्ट के हिसाब से भारत मे बोलणे की आझादी है
2. रामदेव बाबा ने एलोपॅथिक चिकित्सा पद्धती के बारे मे अपने विचार प्रगत किये तो मानहानी का नोटीस IMA ने क्यो दिया? क्या एलोपॅथिक चिकित्सा पद्धती IMA ने शुरु की?, क्या IMA एलोपॅथिक का मालिक है?
3. क्या बाबा रामदेव ने अपने बयान मे IMA का जिक्र किया? नही. क्या IMA भारत के सभी एलोपॅथिक डॉक्टरो का प्रतिनिधित्व करती है? नही तो किस अधिकार से IMA ने 1000 करोड मानहानी का दावा किया?




+