मोदी सरकार के 7 साल

मोदी सरकार के 7 साल, चुनातियाँ, कामयाबियां और सवाल! #ATVideo #NarendraModi (Sweta Singh)

           

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सात साल में जनाब ने सिर्फ और सिर्फ जनता को बेवकूफ और परेशान किया है,
1- लाइन में खड़े करा दिया,
2- सब के खाते में 15-15 डाल दिया
3- बीएसएनएल को बेच जिओ को आगे किया
4- महगांई और बेरोज़गारी दे दी, जैसे पेट्रोल, डीजल, गैस, खाद्य तेल, छड़ सीमेंट्स, बहुत है जो बड़े बड़े उद्योपति चलाते हैं,
5- रेल विभाग बेच को दिया
6- महानदी में बहने वाली पानी को किसानों को छोड़ कम्पनियों को बेच दी
7- अपनी गद्दी बरकरार रखने के लिए मोदी ने देश के जवान को नहीं छोड़ा,
बहुत है मैडम
हमने ऎसा नेता चुना है कि पूरा टीवी पर फेकता ही रहता है


*विश्व के विभिन्न देशों की जनसंख्या देखें :*
*अमेरिका :33.1 करोड*
*रशिया : 14.6 करोड*
*जर्मनी : 8.5 करोड*
*टर्की : 8.4 करोड*
*युनायटेड किंगडम : 6 .8 करोड*
*फ्रान्स : 6.5 करोड*
*इटली : 6.1 करोड*
*स्पेन : 4.7 करोड*
*पोलेंड : 3.8 करोड*
*रोमानिया : 1.9 करोड*
*नेदरलॅंड : 1.7 करोड*
*ग्रीस : 1.7 करोड*
*बेल्जियम : 1.2 करोड*
*चेक रिपब्लिक : 1.1 करोड*
*पोर्तुर्गाल : 1.1 करोड*
*स्वीडन : 1 करोड*
*हंगेरी : 1 करोड*
*स्विट्झरलंड : 0.9 करोड*
*बलगेरिया : 0.7 करोड*
*डेन्मार्क : 0.6 करोड*
*--------------------*
*कुल : 105.3 करोड*
*==============*

*105.3 करोड + युरोप के अन्य 44 छोटे देश 6 करोड़+ ब्राझील की जनसंख्या 21.2 करोड + अर्जेंटिना की जनसंख्या 4.45 करोड = 136.95 करोड !*

*अकेले भारत की जनसंख्या ... ... ...138 करोड !!*

*अब मुद्दे की बात*

*जरा सोचें कोव्हीड 19 महामारी पर नियंत्रण करने के लिए जितना काम संपूर्ण युरोप, अमेरिका, ब्राझील और अर्जेंटिना कर रहे हैं , उतना ही काम अकेला भारत ... ... !*

*हँसी उडाना , तुलना करना या टीका टिप्पणी करना बहुत आसान होता है।*

पर वास्तविक आधार पर सोचे
कितनी कठिन चुनौती है ..... ..... हमें देश का साथ देना चाहिये , मात्र टांग खिचाई या टिप्पणी नही करना चाहिये ....

*हम होंगे कामयाब , जय भारत*


पीएम, सीएम, सांसद, विधायक,पार्षद सबको गाली दे लीजिए

लेकिन , यह जो 700- 800 का ऑक्सीमीटर 3000+ में बेच रहे यह हम हैं!

जो ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे यह हम हैं!

यह जो रेमडेसीविर को 20000+ प्लस में बेच रहे यह हम हैं!

यह जो श्मशान की लकड़ियों में बेईमानी कर रहे यह हम हैं!

नारियल पानी हो फल, सब्जी, अंडा, चिकन, दाल में लूट करने से लेकर अस्पतालों में बेड दिलाने तक का झांसा यह सब लोग जिन्होंने लूट मचा रखी है यह हम हैं,

जिस देश में जिसको जहां मौका मिला तो लूटने में लग गया,
यहाँ कोई भी व्यक्ति सिर्फ तब तक ही ईमानदार है जबतक उसको चोरी करने का या लूटने का मौका नही मिलता।

हम कितनें मासूम हैं..

#जो लॉक डाउन की खबर सुनते ही गुटके की कीमत ₹5 से ₹7 कर देते हैं..

#जो डॉक्टरों द्वारा विटामिन सी अधिक लेने की कहने पर 50 रुपये प्रति किलो का नींबू 150 रुपये प्रति किलो बेचने लगते हैं..

#जो 40-50 रुपए का बिकने वाला नारियल पानी ₹100 का बेचने लगते हैं..

#जो मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी सुनते हैं, तो ऑक्सीजन की कालाबाजारी शुरू कर देते हैं..

#जो दम तोड़ते मरीजों की दुर्दशा देखते हैं तो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करनी शुरू कर देते हैं..

#जो अपना ईमान बेच कर इंजेक्शन में पैरासिटामोल मिलाकर बेचने लगते हैं..

#जो डेड बॉडी लाने के नाम पर पानीपत से फरीदाबाद तक के ₹36000 मांगने लगते हैं..

#जो मरीज को दिल्ली गाजियाबाद मेरठ नोएडा स्थित किसी हॉस्पिटल में पहुंचाने की बात करते हैं तो एंबुलेंस का किराया 10 से 15 हजार किराया मांगने लगते हैं..

क्या वास्तव में हम बहुत मासूम हैं.. या लाशों का मांस नोचने वाले गिद्ध...
गिद्ध तो मरने के बाद अपना पेट भरने के लिए लाशों को नोचता है पर हम तो अपनी तिजोरियां भरने के लिए जिंदा इंसानों को ही नोच रहे हैं, कहाँ लेकर जाएंगे ऐसी दौलत या फिर किसके लिए ?..

कभी सोचा है आपने?? एक बार सोचना जरूर..

एक दिन हिसाब सबको देना पड़ेगा, जनता की अदालत में नहीं तो ईश्वर की अदालत में...
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हिंदुस्तान को आज कोरोना नहीं मार रहा
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इंसान इंसान को मार रहा है


अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो 1947 विभाजन के नरसंहार का ज़िंम्मेदार कौन ? *बस वैसे ही पूछ रहा हूँ !*

अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो हज़ारों निर्दोष सिखों की हत्या का जिम्मेदार कौन ? *बस वैसे ही पूछ रहा हूँ !*

अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो हज़ारों कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का ज़िंम्मेदार कौन ? *बस वैसे ही पूछ रहा हूँ !*

अम्बानी, अदानी, सिंघवी, टाटा, बिरला, माल्या, ललित मोदी...
*ये मोदी के कार्यकाल में अरबपति बने थे क्या ???*

क्या 85 अरबपतियों को जो 90 हजार करोड़ का लोन दिया गया था ?!
*क्या वो मोदी के समय दिया गया ...?!*

जिस भी अफसर के घर छापा डाला जाए... तो करोड़ रुपये तो उसके गद्दे के नीचे ही मिल जाते हैं ... *क्या ये मोदी के काल में कमाए गये ...?!*

*किस हद की मूर्खता पूर्ण देश भर में बातें है .*

मोदी के काल में तो माल्या के 8000 करोड़ के लोन के जवाब में ED ने उसकी 9120 करोड़ की संम्पत्ति को कब्जे में ले लिया है...

*बस यही गलती हुई है कि मोदी अकेला भ्रष्ट लोगो के खिलाफ लड़ रहा है...*

और

*हमारे देश में नमक और नमकहराम दोनों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं...*
व्यक्तिगत रूप से आप *बीजेपी के विरोधी* हो सकते हैं।
बीजेपी की नीतियों के विरोधी हो सकते हैं ये एक सामान्य प्रकिया है..
और इसमें कुछ गलत भी नहीं है...

परंतु आप आलोचक की हद को पार करके *घृणित-निंदक* बनकर *PM की आलोचना* कैसे कर सकते हैं...?

आप उस व्यक्ति की आलोचना कर रहे हैं जो लगभग 15 सालों से CM के बाद, अब PM रहते हुए भी अपनी सैलेरी राष्ट्र को दान करता आ रहा है PM हाउस में अपना खर्चा स्वयं उठाता आ रहा है...

*PM के निंदा-रस* में डूबते समय क्या आपको खयाल आया कि क्या आपने कभी 1 महीने की सैलेरी राष्ट्र को दान की है...?

₹-240 की LPG-Subsidy तो आप छोड़ नहीं पाते, बाकी... क्या आप में हिम्मत है 1 साल की सैलेरी *राष्ट्र को दान कर दें...?*

तो फिर आप उस व्यक्ति की निंदा कैसे कर सकते हैं जो 15 सालों से ये सब करता आ रहा है...?

3 बार गुजरात का CM रहने के बावजूद किसके पास कोई *बड़ी संपत्ति नहीं* है, परिवार को भी जिसने VIP सुविधाओं से महरूम कर रखा है ।

जिस PM के विदेशी दौरों को आप सिर्फ घूमने फिरने का नाम देते हैं जबकि असली उदेश्य *व्यापारिक समझौते और आपसी सम्बन्ध को सुधारना* होता है।

एक 66 साल का व्यक्ति 6 दिन में 5 देशों की यात्रा करता 40 महत्वपूर्ण मीटिंग में भाग लेता है। *देश का पैसा बचाने के लिए* ऐसी प्लानिंग करता है जिससे होटल में कम से कम रुका जाए और फ्लाइट में नींद पूरी की जाये...
उसके दौरे को आप सिर्फ भ्रमण का नाम देते हैं...?

*वैश्विक मंदी और ख़राब मौसम की मार* झेलने की बाद भी देश पर आंशिक प्रभाव पड़ा है...
और *देश आगे बढ़ रहा है*, क्या इतना काफी नहीं है...?

अगली बार PM की निंदा करने से पहले *अपने गिरेबान में झांककर देखें* और-
अपने आप से तुलना करें कि जिसकी आप निंदा कर रहे हैं, क्या उसके *पैरों की धूल के बराबर* भी हैं क्या...?

कितने शर्म की बात है...
एक तरफ़ जिस व्यक्ति को *सारा विश्व सम्मान दे रहा है*...
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग (जो उसी देश के हैं) उसी सम्मान को गलत साबित करने पर तुले हैं...

*वन्दे मातरम्। भारत माता की जय।*