ममता कभी पीएम के मंच पर गुस्सा, कभी बैठक से गायब!

अब तक ख़त्म नहीं हुई ममता और केंद्र के बीच चुनावी तल्खी! #ATVideo #MamataBanerjee

           

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प्रत्येक वर्ष कोई न कोई बड़ा साइक्लोन उड़ीसा में आता है, और काफी नुकसान करके जाता है!
लेकिन कभी भी आपने नवीन पटनायक जी को टीवी पर आ कर विज्ञापन देते या किसी के सामने गिड़गिड़ाते नही देखा होगा! ना ही केन्द्र सरकार के साथ तू-तू-मैं-मैं करते देखा होगा! ना ही राज्य की समस्याओं के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए ही देखा होगा!
इसलिए वो उड़ीसा के नेता नहीं बल्कि बेटा कहलाते हैं! चुनाव में जनता आंखों पर पट्टी बांध कर उन्हें सत्ता के शिखर पर पहुंचाती है, क्योंकि जनता को इन पर विश्वास है!
गैर भाजपा दल का एक मात्र मुख्यमंत्री जिसकी, जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है!


आज मैं बताता हूं क्यो बंगाल में BJP के हार के बाद गोदी मीडिया बंगाल को बदनाम करने ममता बनर्जी की छवि खराब करने में लगी है। एक तो ममता बनर्जी तजुर्बेकार राजनेता है दूसरा अनुभवी मुख्यमंत्री। शासन करना उन्हें भली भांति आता है। 2024 में कही ममता बनर्जी अपने तजुर्बे और अनुभव के कारण मोदी के सामने चुनौती न बन जाये इसलिये अभी से ममता बनर्जी की छवि खराब की जा रही है। याद रहे मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री पद के लिये BJP की ओर से चेहरा थे तब BJP ने मोदी के अनुभव और कुशल शासक होने का खूब प्रचार किया था। इसी को हथियार बना के ममता 2024 में विपक्ष का बड़ा चेहरा न बन जाये इसीलिये ये सारे प्रयास किये जा रहे है।
ये बात मै दूर बैठ के ज्ञान नही दे रहा बंगाल के 5 जिलों में घूमता हूं गाँव गाँव मे मेरे सम्पर्क है उस अनुभव के आधार पर बोल रहा हूं।
और हा जहाँ तक राजनीतिक हिंसा की बात है बंगाल में तो आपको बता दू चुनाव से पहले BJP के स्थानीय नेता गाँव मुहल्ले में लोगो को बहुत धमकाते थे हमारी सरकार आने वाली है देख लेंगे ये कर देंगे वो कर देंगे।
सिर्फ उन्ही छुटभैया नेता की ठुकाई हो रही है।
बंगाल में 2 करोड़ से ज्यादा लोगो ने BJP को वोट दिया। लोकसभा चुनाव के वक्त तो हिंसा नही हुई कहि भी जबकि चुनाव स्थानीय पुलिस ने ही सम्पन्न कराया था।
इसलिये आने वालों दिनों में बंगाल के बारे में मनगढ़ंत खबरे देख कर विचलित नही होना।
मनोज कुमार सिंह
जिला- पश्चिम मेदिनीपुर
बंगाल।




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