महाराष्ट्र: तौकते तूफान की वजह से चट्टानों में फंसा जहाज, रिस रहा है 80 हजार लीटर डीजल

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अच्छी आदतें 4 कारणों से निरस्त होती हैं। पहला कारण, लम्बे समय तक आलस्य में रहना, दूसरा मौसम या परिस्थिति वश जारी न रख पाना, तीसरा दुष्टों की दखल तो चौथा कारण, अच्छी आदतें जारी रखना बर्दाश्त से बाहर होने से नुकसान या खर्चीली या समय अभाव होना।

Over weight का दूसरा अभिप्राय है कि जेब में बीड़ी कितनी है। गूटखा, तम्बाकू कितना खाते हैं, चाय कितनी पीते हैं, शराब तलब कितनी है। यह भी वजन का नाप है। 10% (+ या - ) Plus, minus वजन कोई महत्व नहीं रखता। 70 के स्थान पर +7 = 77 या -7 =63 किलो वजन होने से घबराने की जरूरत नहीं। परिस्थिति वश इतना उतार-चढ़ाव आ सकता है। उस स्थिति में यही कम-ज्यादा वजन लाभकारी सिद्ध होता है।

महत्वपूर्ण है, एक युवक छरहरे बदन, handsome, फुर्तीला और कार्य करने में तत्पर, तो उसी आयु का दूसरा ऊबड़-खाबड़, सुस्त, ढ़ीला-ढ़ाला, मुश्किल से कोई कार्य पूरा करने वाला है। सभी छरहरे को अच्छा कहेंगे। लेकिन दूसरा पहलू नहीं होने से सिक्का जाली होता है। पहलू घिसा होने से मुश्किल से चलता है। वैसे ही फुर्तीले युवक को समय-समय पर कुछ विशेष नशा चाहिए तो उससे बेहतर ढ़ीला-ढ़ाला युवक है।

अगर कोई over weighted नशा मुक्त है तो देर आये, दुरूस्त आये। नशे का आदी कार्य तो जल्दी करेगा, लेकिन समय पर नशा-पूर्ति न होने से अधुरा भी छोड़ देगा। इसलिए प्रति बीड़ी 1kg अनुसार, रोजाना 10 पीने वाला भले ही फुर्तीला हो, वास्तव में 10 किलो over weighted है। ऐसे ही चाय बगैर नहीं रहा जाये तो प्रति चाय 2 किलो अनुसार रोज 4 चाय पीने वाला 8 किलो over weighted है। इसलिए थकावट होने पर चाय-बीड़ी प्रयोग करके 1-2 घंटा अधिक काम करने की बजाय, अगर 20% आमदनी किसी अन्य को देकर कार्य पूरा हो सके तो, खुद कार्य न करें। रोजाना 150-200 रूपए तो खर्च होंगे, लेकिन 20 रूपए जीवनपर्यंत बचेंगे, तथा नशा आदत बढ़ने की बजाय कम होकर एक घंटा समाज तथा दोस्तों में व्यतीत होगा।

यही हाल शराबी, बहानेबाज, मसालेदार भोजन खाने वाले का है। अभिप्राय है कि नशे या चटक-मटक भोजन बिना नहीं रहा जाये तो, उससे अच्छा वह है जिसका वजन ज्यादा, लेकिन जीवन सादा है। वजन कम करना चाहें तो केवल आलस्य छोड़ दें। जो कार्य करना ही है, शरीर में शक्ति और समय भी है तो 2 मिनट बाद करने का विचार न रखें। रोजाना 10 gm वजन भी कम होना शुरू होने से side effect और कमजोरी नहीं होगी। उसी तरह वजन बढ़ाना है तो हर कार्य 2 मिनट बाद करने की आदत डाल लें। 10 कदम भी आना-जाना है तो eरिक्शा प्रयोग करने लग जायें। बिन बुलाये मेहमान की तरह वजन बढ़ेगा।

अतः प्रयास करें कि ऐसी आदत न बनायें जो जीवन भर झेलनी पड़े। क्षणिक प्रगति के लिए किसी का स्थाई गूलाम बनना पड़े, उससे अच्छा जैसे हैं, वैसे ही रहें। छोटी सी बात के लिए सगे भाई या पुराने दोस्त से तकरार से अच्छा है, कुछ समय के लिए उस स्थान से गायब हो जायें। याद रखें, भाई समान दोस्त नहीं तो दुश्मन भी नहीं। एक पुराना दोस्त 4 नयों से ज्यादा अच्छा होता है।

प्रयास करें कि सभी इल्म और छ: व्यसन (बुरी आदतें) त्याग दें। छ: व्यसन हैं, अतिनिद्रा, तन्द्रा (ऊंघते रहना), भय, क्रोध, आलस्य और दीर्घसूत्रता। तन्द्रा होते ही थोड़ा पैदल घूमें। भय किस बात का ! हार-जीत, फेल-पास, बीमारी, व्यापार घाटा सोचना ही नहीं। क्रोध करें तो सात्विक (महापुरुषों) जैसा। मच्छर मारने के लिए तोप का गोला नहीं छोड़ा जाता। आलस्य जीवन को जंग लगा देता है। दीर्घसूत्रता और आलस्य में फर्क है कि, आलसी संभवतः कार्य करता ही नहीं, जबकि दीर्घसूत्री देरी से करता है।