1ºफर्जी मुठभेड़ में किसी की हत्या अनु 21 का साफ साफ उल्लंघन था उन सब को न्यायायिक परिक्षण से गुजरना था लेकिन सरकार के मुखिया द्वारा इस तरह की हत्याए पुलिस द्वारा कराया जाना इससे प्रतीत होता है कि सत्ता ने अपने को कानून की परिधि से बाहर कर लिया है! मान लो बदमाश ने 100 हत्याए की है फ़िर भी सत्ता उसकी हत्या नही कर सकती है उसे विधि की प्रक्रिया अपनाए बिना दण्ड नही दिया जा सकता है राज्य कभी न्यायाधीश नही हो सकता है अब दुबे परिवार की जिसके आदेश से हत्याए हुई है उस शीर्ष को trial द्वारा फांसी की सजा दी जानी चाहिए तभी विधि का शासन की भारत में वर्तमान में परिकल्पना की जा सकती है अन्यथा नही!