1º2020 के सूचकांक के अनुसार पत्रकारिता स्वतंत्रता के मामले में भारत 180 देशों 142 वें स्थान पर है। बाकी आप टीवी देखकर भी अंदाजा लगाते होंगे। रिपोर्ट के अनुसार भारत, ठीक से अपना काम करने की कोशिश करने वाले पत्रकारों के लिए विश्व के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। भारत के पड़ोसी देशो में नेपाल 106वें, श्रीलंका 127वें, म्यांमार 140वें, पाकिस्तान 145वें और बांग्लादेश 152वें स्थान पर है।
अब आप अंदाजा लगाइए कि 142 वें स्थान पर विराजमान देश का मिडिया कभी जनता की आवाज़ उठा सकता है?
क्या "आजतक" जैसा गोदी मीडिया मोदी जी का नाम लेकर पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों पर सवाल पूछने की हिम्मत कर सकता है...???