"वो नज़ूल की ज़मीन थी... हमें 30 लाख रूपए मिले थे," महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य

"वो नज़ूल की ज़मीन थी... हमें 30 लाख रूपए मिले थे," महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य Samarth Srivastava की रिपोर्ट अन्य #ReporterDiary के लिए क्लिक करें: http://bit.ly/IndiaTodaySocial #UttarPradesh #Ayodhya

           

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सत्य बात बताता हूं मेरा घर रोड साइड में है पहले वहां सिर्फ फसल के लिए वहां की जमीन उपयोगी हुआ करती थी आज वहां करीब 10 से 15 घर हो गए वहीं पक्का मकान जिसमें एक मेरा भी है पहले उस जमीन की कीमत कीमत कुछ नहीं थी ज्यादा सिर्फ फसल के लिए उपयोग की जाती थी अब वहां की जमीन घर के लिए उपयोग कि जाती है कोई समझाएगा कि पहले जो जमीन फसल के लिए उपयोग की जाती थी और आज जमीन घर के लिए उपयोग की जाती है दोनों की कीमतें बराबर होंगी या अंतर होगीl




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