बाइडेन के किस्से, मोदी के ठहाके...व्हाइट हाउस में दिखी दोनों नेताओं की जबरदस्त बॉन्डिंग

व्हाइट हाउस में दिखी मोदी-बाइडेन की शानदार केमिस्ट्री! #ModiInUS #NarendraModi #JoeBiden #RE

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10162040216902580

कुछ देर में मोदी और बाइडेन की मीटिंग होगी. अभी तक जो कुछ सामने आया है, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि मोदी की अमेरिका यात्रा फीकी और ठंडी रही है. भारत Quad में शामिल है और यह वैसे भी कोई सिक्योरिटी अलायन्स नहीं है. इंडो पैसिफिक में चीन के प्रभाव को काउंटर करने के लिए AUKUS बन चुका है और अमेरिका ने इसमें भारत को शामिल करने से इनकार कर दिया है. कह सकते हैं कि AUKUS ने Quad को एक स्तर तक प्रभावहीन कर दिया है. बाइडेन और डेमोक्रैट की राजनीति को भी मोदी की फीकी आगवानी के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है. दूसरा कोरोना की वजह से अब संरक्षणवाद को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, इसलिए ज्यादा अहमियत व्यापार की बजाए सामरिक संबंधों के निर्माण पर होने वाला है. इन सबके बीच इस तरह का PR प्रबंधन कृत्रिम और बनावटी ज्यादा लगता है.


भले ही आज आपके पास 8000 करोड़ की हवाई जहाज है, और अपने आप को चमकाने के लिए,
उससे आप हवाई सफर भी करते हो,
लेकिन आपको उस दिखावे से क्या हासिल हुआ ?
आठ हजार करोड़ की हवाई जहाज में सफर करके,
135 करोड़ की आबादी वाले लोकतांत्रिक देश का, प्रधानमंत्री जब अमेरिकी धरती पर उतरा,
तो उनकी आगवानी करने के लिए,
अमेरिका राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति तो छोड़ दीजिए,
कोई मंत्री तक हवाई अड्डे पर नहीं आया।
इसबार मोदी की अगवानी की जिम्मेदारी था,
डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के अमेरिकी अधिकारी,
भारतीय राजदूत, और दूतावास के,
अन्य अफसरों के ऊपर।
भारत की इतिहास अगर खंगाला जाए तो,
भारतीय इतिहास में यह पहली बार हुआ है,
जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री की,
इतनी सतही अगवानी की गई है।
वह अलग बात है की, बिक चुके भारतीय मीडिया,
आपको तथाकथित तौर इस बात का,
विश्लेषण कर ही नहीं सकता है।
याद है आपको...कुछ महीना पहले....
अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा,
कितने टशन के साथ मोदी जी ने दिया था,
मेरे हिसाब से जो बाडेन इस नारे को अभी तक भूले,
और इस जगह पर जो बाडेन ही क्यू, उस जगह पर,
आप और हम भी होते...तो हम भी नहीं भूलते।
मोदी जी की राजनीतिक कैरियर की,
सबसे बड़ा विफलता है की....किसी गैर राष्ट्र की राजनीति में सीधा हस्तक्षेप करना, और वह कर चूके है।
जो वार्डन और कमला हैरिस कि अमेरिका ने,
ये बता दिया है कि मोदी को, भारत को वह,
कितनी गंभीरता से लेता है।।