1ºबेशर्म, बेहया इंसान अभी कोरोना के जख्म लोगों के दिल से मिटे नहीं हैं, तब तक डेंगू आ गया लेकिन तुम्हारी निकम्मी एवम नकारा सरकार पहले भी हाथ पर हाथ धरे बैठी थी और अभी भी बैठी है। यह सच्चाई है कि नीच व्यक्ति संवेदनहीन होता है क्योंकि उसके अंदर जरा सी भी ईमानदारी होती तो वह बकवास करने की बजाय लोगों की तकलीफ को कम करने की कोशिश करता और स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर इंतजाम करता, जिससे गरीब आदमी इलाज के अभाव में दम नहीं तोड़ता। केवल दीवारें खड़ी करने से किसी को अच्छा इलाज नहीं मिलने लगेगा, उसके लिए और भी सुविधाएं चाहिए और सबसे बड़ी बात तुम्हारी सरकार मेडिकल कॉलेज तैयार कर के निजी हाथों में सौंपने जा रही है यानी गरीब को कोई सुविधा नहीं मिलने जा रही है।