मोदी जी अतीत में क्यों फंसे हुए हैं - प्रियंका गांधी ने पूछा।

#Exclusive | यूपी चुनाव पर आजतक पर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra)। मोदी जी अतीत में क्यों फंसे हुए हैं - प्रियंका गांधी ने पूछा। देखिए सुप्रिया भारद्वाज से प्रियंका गांधी की खास बात। #UPElections2022 #UttarPradesh #UttarPradeshElections2022 #Elections2022

           

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हो सकता है मुझे शुगर बीमारी पहले से हो, लेकिन 2018 में 62 वर्ष आयु होने पर बार-बार पेशाब आने पर एक हितैषी द्वारा taste सुझाव से शुगर लेवल 386 पाया। Taste कर्ता, देसी दवा विक्रेता के अलावा डाक्टर, भाग्यवश मुझे 3नों निर्लोभी और प्रत्येक हेतु हितैषी मिल गए। उनके अलावा खुद द्वारा इलाज, कड़े-परहेज करने से 57 दिन बाद शुगर लेवल 135 हो गया।

बार-बार पेशाब लगना, अधिक प्यास लगना, अचानक भूख लगकर कुछ देर बाद बिल्कुल खत्म हो जाना, आलस्य रहना, वजन घटकर कमजोरी होना, आँखों में धुंधलापन, कम सुनना तथा घाव ठीक न होना इत्यादि शुगर के लक्षण हैं। किसी भी बीमारी में वैद्य-डाक्टर की दवा खाना बहुत आसान, परहेज सहित खुद ईलाज करने में नानी याद आती है। मैं परहेज़ और स्वयं निर्मित दवा यह मानकर करता हूँ कि :-
"आज फैसला हो जायेगा, बीमारी नहीं या हम नहीं !"

Taster ने बताया कि सबसे ज्यादा शुगर मक्की में हैं, इसलिए 2 साल तक मक्का को हाथ नहीं लगाया।

शुगर होने से फायदा हुआ कि पहले अधिक मिष्ठान से अन्य अच्छे खाद्यान्न नीरस लगने से दूरी बन जाती थी, अब कम मिष्ठान खाने से वही अच्छे पदार्थ, स्वादिष्ट एवं रसीले लगने से पौष्टिक तत्व प्रयोग करता हूँ। मैंने जीवन में मनमर्जी कद्दू कभी नहीं खाया, 2019 में कुछ दिन बनाकर खाया। अमचूर न होने पर विकल्प में कायम-चुर्ण डालने से दूसरे दिन महसूस हुआ कि सप्ताह में एक बार लेने से, 100 ग्राम over weight कम हो सकता है।

बहुत दिक्कतें झेलने के बाद भी शुगर बीमारी से कुछ फायदे भी हुए। पेंशनर होने के बाद आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद चीनी कम नहीं हो रही थी, लेकिन पहले महीने में लगभग 4 किलो चीनी सेवन करने वाला मैं, अब 1/4 किलो चीनी तथा 1/2 किलो गुड़-शक्कर सेवन करता हूँ।

रोजाना चिरचिटा-जल सेवन करने से ही शायद शूगर कम हुई। वैसे कभी-कभार कलौंजी प्रयोग करता हूँ, जो शूगर में तो बेहद कारगर तथा सिवाय मौत हर बीमारी का इलाज, लेकिन BP को low करती है। अतः मेरा सुझाव है कि जब भगवान ने समस्या-बीमारी निर्मित की हैं तो कहीं न कहीं समाधान भी बनाया है। कइयों को परेशानी होती ही नहीं, किसी को होते ही तुरंत समाधान मिल जाता है, किसी के आजू-बाजू होने पर भी सब कुछ दिखेगा, लेकिन समाधान नहीं, तो किसी को वर्षों पीड़ा झेलने के बाद ही समाधान मिलता है। शूगर होने पर गेहूं की बजाए जौ, बाजरा, चना, कोदो, मड़ुआ, रागी, कंगनी, टामुन इत्यादि आटे की रोटी खायें, लेकिन मक्की में मिठास होने से कतई न खायें।

शुगर में जूते सही साईज के या आधा नंबर बड़े पहनें। जूते शाम को खरीदें, उस समय चल-फिर कर पैर सही आकार में होते हैं।

जिसकी जीवनी शक्ति 100% है, वही युवा सेना में बहुत मुश्किल से नियुक्त हो पाता है, क्योंकि जरूरत 50 की, अभ्यर्थी 500 होने पर शिक्षा में भी बौद्धिकता चाहिए।

गैस्ट्रिक मरीज कभी धोखा नहीं देता, लेकिन गैस्ट्रिक तथा शूगर मरीज विश्वसनीय भी नहीं रह पाते, क्योंकि*

15 जून 2020 को मेरी गैस्ट्रिक बीमारी विकराल रूप धारण करने से सिवाय लीची, राहत का अन्य उपाय न होने से मेरा मधुमेह लेवल एक बार फिर से बढ़ना शुरू होकर मेरी जीवनीशक्ति एकबारगी घटकर 2% रह गई थी, 1% होने पर बेहोशी छा जाती है, 0% का मतलब रामनाम सत्य !

जुलाई-अगस्त में जानते हुए कि आम से शूगर बढ़ेगा, लेकिन गैस्ट्रिक तथा ताकत के लिए राहत का वही एकमात्र सहारा था। बारिश होने पर राहत मिलती थी।