हिजाब का समर्थन नहीं करता लेकिन लड़कियों को धमकाने वाले गुंडों से पूछता हूं, ये मर्दानगी है? बोल

जावेद अख्तर ने भीड़ के लड़कियों को डराने धमकाने की निंदा की #Karnataka #KarnatakaHijabRow

           

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सभी लोग अपने अपने हिसाब से तर्क दे रहे हैं लेकिन कोई भी वास्तविकता की ओर इंगित नहीं कर रहे हैं. हिजाब से किसी को कोई दिक्कत नहीं है आप हिजाब पहनकर अपने घर में रहे, बाजार जायें अपने रिश्तेदारों में जायें, शादी समारोह में जायें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कुछ विशेष सेंसेटिव जगह, भीड़ भाड़ वाले जगह, विशेष सम्मेलन, रैली, मेले, ऐतिहासिक स्थान, सुरक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान में खुलेआम नहीं जा सकते हैं क्योंकि गलत मानसिकता वाले लोग अनेकों बार इस हिजाब का गलत फायदे उठाते हुए देखें गयेे हैं. दूसरी बात स्कूल, काॅलेजों, सेना, पुलिस आदि में ड्रेस कोड लागू हो सकतें है. स्कूल काॅलेजों में ड्रेस कोड लागू होने से बच्चों के बीच समानता का माहौल सृजित होता है. अगर स्कूल काॅलेजों में सभी बच्चे अपने अपने धर्म के अनुसार ड्रेस कोड पहनेंगे तो बच्चों के बीच प्रारंभ से ही असमानता, बिखराव, धार्मिक भेदभाव का माहौल क्रियेट होता है इसलिए स्कूल ,काॅलेजों ,सेनाओं, पुलिस आदि के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाता है. कुछ दिन के बाद तो कोई ये भी कहेंगे कि हम पुलिस और सेना में हिजाब पहनकर ही ड्यूटी करेंगे. एक ही ड्रेस कोड लागू होने से अमीर गरीब जाति धर्म आदि का पता लगाना मुश्किल होता है और बच्चे एकाग्रचित्त होकर अपने वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करते हैं.