Hijab विवाद:अलीगढ़ से मालेगांव तक सड़कों पर उतरीं मुस्लिम महिलाएं, बोलीं- ये हमारा हक, नहीं उतारेंग

कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद देशभर में फैलता जा रहा है

           

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शाहीन बाग के बाद ये दूसरा प्रयोग #HijabRow है! ये एक नई #Toolkit का हिस्सा है, जिसकी तैयारी तीन चार महीने पहले से ही की जा रही थी! ट्विटर पर कर्नाटक से कुछ हिजाब एक्टिविस्टों के अकाउंट स्पॉट हुए है जो अक्टूबर नवंबर 2021 में बने हैं.. इसमें CFI शामिल है, जो रैडिकल इस्लामिक ग्रुप PFI का एक हिस्सा है। कर्नाटक में ये प्रयोग नई शिक्षा नीति के विरोध से शुरू हुआ जो आगे चलकर "बाबरी मस्जिद विक्टम ऑफ इंजस्टिस" में बदल गया। उसके बाद "कर्नाटक में स्टूडेंट सुरक्षित नहीं" से होता हुआ, सेव "कर्नाटक फ्रॉम फासिस्ट", फिर "अज़ान एक बेहतरीन आवाज" तक पहुंचा। उसके बाद क्रिमिनल "रऊफ शरीफ" की गिरफ्तारी के विरोध तक पहुंचा, "रऊफ शरीफ" CFI का सेकेट्री है और इसे CAA, दिल्ली हिंसा में मनी लांड्रिंग और हाथरस केस के मामले में यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है! जो लड़कियां कर्नाटक में "हिजाब ड्रामा" शुरू की है उनमें से कुछ इस CFI संगठन से जुड़ी हुई हैं! इसके अलावा इसमें कांग्रेस और वामपंथियों की भागीदारी भी है! AISA जैसे संगठन, एनडीटीवी, द वायर जैसे लेफ्ट इकोसिस्टम के मीडिया आग में घी डाल रहे हैं! कांग्रेस के जाने माने वकील कपिल सिब्बल इस नई Toolkit की तरफ से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए है!
Kd


Kon hijab phenne se mna kr rha hai ? School job me toh allow ni hai wha toh remove krna hi pdeaga jha bhi uniform hoga besk wo private sector ho ya govt sector ab sara din ghar me baithi rhti ho toh pheno hijab bikni saffron who care ab Muslim women in police in judge in laywer does they wear no? Becoz uniform same in private sector dont wear if any comapby offer 40000 per month than in 1 min u remove hiajb and join company with formal dress why Muslim itself going to backward in recent they progress thats why madrsa student decrese due to taking admission in school now they again going to backward in future than they compain to govt