1ºहजारीबाग में मुकेश पांडे का निर्मम हत्या 27 नामजद और एक सौ अज्ञात लोगों ने जो शांतिप्रिय समुदाय से आते हैं आज देश में कोई कैंडल मार्च नहीं होगा आज कहीं कोई ह्यूमन राइट की चर्चा नहीं होगी और ना ही कहीं कोई कवर फोटो बनेगा और ना ही इन्हें हीरो बताया जाएगा क्योंकि मरने वाला हिंदू था अगर हिजाब प्रोटेस्ट की पोस्टर गर्ल को को शेरनी और 50 उसके बगल में आंदोलन कर रहे हो टेस्ट कर रहे को बड़े दुख की बात है कि आज तो ना ही रुपेश पांडे को शेर कहा जाएगा और ना ही डेढ़ सौ की भीड़ को गीदर कहा जाएगा आज किसी न्यूज़ चैनल या किसी मीडिया में इसकी कोई चर्चा नहीं है और ना ही कहीं कोई इस पर डिबेट होता है