1ºमैं गुण्डों का प्रजातन्त्र हूँ
एक आंकड़ा जनगणना का गुण्डो के उपर करवाओ
भारत मे कितने गुण्डे है उनकी सूची सामने लाओ
प्रजातन्त्र की बगवानी में कितने गुण्डे महक रहे हेैं
विधानसभा में ओैर शंसद में कितने गुण्डे चहक रहे हेै
नेताओं से और मन्त्री से इन गुण्डो के क्या नाते हेेैं
किसकी शरण इन्हे मिलती है,कौन गीत इनके गाते हेै
ये राजनीति में जनमत पाकर कैसे सत्ता में आते है
कौन पनाह देता है इनको ये कैसे मन्त्री बन जाते हैं
इन गुण्डो का लालन पालन राजनीति का शौक रहा हैं
चाल,चरित्र ओैर चेहरों में भी गुण्डा ही तो भौंक रहा है
चमत्कार है फिर भी नेता इन गुण्डो से चौंक रहा हेै
राजनीति की दाल सियासी ये गुण्डा ही छौंक रहा हेैं
प्रजातन्त्र की राजनीति में आधे गुण्डे विद्यमान हेै
इस सविंधान के पन्नो में भी गुण्डो का ही सम्मान हेेै
दुर्भाग्य हेै न्याय -पालिका इन गुण्डो से अनजान हेै
भारत में तो आज सियासत की गुण्डो से पहचान है
जो जितना बड़ा लफंगा उतना उँचा नेता बन जाता हेै
शंसद के दर शीश नवाकर , राष्ट्र-गीत अपना गाता है
प्रजातन्त्र में चोर ,मवाली ,गुण्डा क्यों चुनकर आता हेै
ये गुण्डा ही जनमत पाकर नैतिकवादी कहलाता है
इस राजनीति में फूलन देवी भी तो शांसद बनजाती हेै
गली, मुहल्लो कसबो में गुण्डो की कितनी ख्याति हेै
सम्प्रदाय और मजहब मे इन गुण्डो की क्या जाति हेै
क्या कारण हेै राजनीति ही इन गुण्डो को अपनाती हेै
अब चुनाव इतना मंहगा है गुण्डा ही तो लड़ सकता हेै
धन,बल की ताकत से केवल गुण्डाआगे बढ़ सकता हेेै
प्रजातन्त्र में जनमत मुर्दा और नपुंसक हो जायेगा
कवि आग उस प्रजातन्त्र में गुण्डा ही चुनकर आयेगा।।
राजेन्द्र प्रसाद बहुगुणा(आग)
9897399815