सबसे बड़ा बैक घोटाला!

सबसे बड़ा बैक घोटाला! #ATVertical #India #News

           

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आम आदमी को तो कर्ज न चुकाने पर मरने के लिए मजबूर कर देती है लेकिन हजारों करोड़ खा जाने वालों के साथ कोई कार्यवाही नहीं ,...उनके पासपोर्ट को रद्द करके उनकी सारी कंपनियों को सीज कर देना चाहिए ....जिन अधिकारियों ने बिना जांच पड़ताल के कर्ज पास किया या कर्ज पास करने में भूमिका निभाई उनको भी तुरंत नौकरी से बर्खास्त करके जुर्माने की राशि वसूली जानी चाहिए ताकि आगे से कोई भी सरकारी अधिकारी इस तरह की लापरवाही ना करें जिसका नुकसान देश को भुगतना पड़े ....चंद बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के कारण इतने घोटाले होते हैं जब 2012 से 2017 तक कर्ज लिया तो इतने सालों से क्या सरकारी सैलरी कि नोट गिन रहे थे ?और 5 साल बाद चुनाव के समय ही याद आई कि कोई घोटाला हुआ है ....बहुत ड्रामेबाज है ..…....भ्रष्टाचार करने वालों को और कर्ज लेकर भागने वालों को तो पकड़ कर कोड़े बरसाने चाहिए


"मोदी विरोध बीमारी" से संक्रमित मरीजों के लक्षण...!
कोरोना से भी भयानक।

1. मोदी का नाम सुनते ही बेचैनी...

2. आग बबूला होना और कुछ भी जलाने की इच्छा करना...

3. मानसिक असंतुलन खोना...

4. यह महसूस करना कि मोदी विरोधी हमारे सगे भाई है (चाहे वह किसी भी पक्ष-पार्टी का हो, चाहे दंगाई या आतंकी ही क्यों ना हो)

5. अपना और अपनों का कोई नुकसान हो तो वह मोदी ने किया है या मोदी के कारण ही हुआ है, ऐसा लगना।

6. अगर कोई मोदी के बारे में अच्छा बोलता है, तो उसे 'खाऊं या निगलूं' महसूस करना और उसकी भक्त, अंधभक्त या संघी कहना ।

7. अपने जीवन की या किसी भी हर बुरी घटना के लिए मोदी ही जिम्मेदार हैं, ऐसा कहना

8. मोदी किसी बात पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहे, इसलिए आक्रोशित होना।

9. खुद की निष्क्रियता व पिछले 65 साल के राज की कमियों के लिए भी मोदी को जिम्मेदार ठहराना।

10. यह बीमारी 2014 के बाद यह पूरे देश के अतृप्त, देशविरोधी, अधार्मिक व अराजक आत्माओं में फैल गई है।


इस बीमारी से ग्रस्त कोई मरीज दिखे तो उससे 2 गज की दुरीं बनाएं । और याद रखें हमे बीमार से नही बीमारी से लड़ना है ।


Dear news channel owners & news reports are you people were happy & satisfied in your present life with your family whole day you people speaking about Hindu Muslim matter but have you people such ability to ask or say that person's those who cheated our lndian bank money & run away from lndian so easily that what is their from which state it's happened & who's government is there now if you people are honest & rashtrabhakt then you should raise this matter again and again till that all cheaters are Hindus & all from Gujarat and are having BJP government support, Jai Hind, Jai Jawan Jai Kisan.


ABG शिपयार्ड लिमिटेड (ABGSL) 22842 करोड़ रुपये का घोटाला।
आज के अखबारों की सुर्खियों में जो जोर है वो शब्द गुजरात है
लेकिन ये प्रेस्टीट्यूट कभी भी वास्तविक तथ्यों को प्रस्तुत नहीं करेंगे।
तथ्य..
इस कंपनी को 2011 में मनमोहन सिंह सरकार ने भारतीय नौसेना का एक बड़ा अनुबंध दिया था, जिसे बाद में मोदी ने रद्द कर दिया। 2014-15 के बाद, सभी रक्षा अनुबंध रद्द कर दिए गए।
कंपनी के चेयरमैन अहमद पटेल के करीबी विश्वास थे।
गुजरात में शुरू हुआ इस कंपनी का जहाज बनाने का काम, लेकिन सारा टर्नओवर मुंबई और पुणे का था। क्योंकि, उनका कॉर्पोरेट कार्यालय 5 वीं मंजिल, भूपति चैम्बर्स, 13 मैथ्यू रोड, ओपेरा हाउस, मुंबई-400004 पर स्थित है। छापेमारी में पता चला कि मुंबई में कंपनी के बहुत बड़े कनेक्शन हैं।
2008-2012 इसी अवधि में कंपनी को मनमोहन सिंह सरकार ने लगातार पांच साल के लिए अनुबंध प्रदान किया था। इस दौरान किताबों में काफी हेरफेर हुआ जिसका फायदा बाद में 2012 के बाद उठाया गया।
22,842 करोड़ रुपये का घाटा 2012 में शुरू हुआ जब पी. चिदंबरम ने प्रणब मुखर्जी से केंद्रीय वित्त मंत्रालय की बागडोर संभाली।
मार्च 2014 में मनमोहन सिंह सरकार ने इसी शिपयार्ड के बकाया का पुनर्गठन किया और अधिकतम 650 करोड़ रुपये शिपयार्ड को दिए।
यही कंपनी 2013 में डिफाल्टर थी।
- ABG Shipyad की Mar'04 को कुल Capital Liability ₹278.70 करोड़ की थी जो Mar'10 आते आते 5,394.23 करोड़ हो गई।
- ABG ने Oct'10 में PSU कंपनी Western India Shipyard Ltd. को टेकओवर किया।
- Jun'11 में ₹9,700 करोड़ और Jan'12 में ₹500 करोड़ का आर्डर दिया गया।
- ABG ने लोन लिए और Mar'14 में कुल Capital Liabity बढ़कर 12,187.84 करोड़ हो गई।
- March 2014 में UPA सरकार के समय ABG Shipyard का Debt Restructure हुआ।
- July 2016 में लोन, NPA घोषित हुआ और 2019 में फ्रॉड घोषित हुआ।
- Ernst and Young नें 2012-17 की ऑडिट रिपोर्ट में पाया कि अनियमितता हुई।
- NPA के चलते, RBI ने ABG Shipyard को ‘dirty dozen’ की लिस्ट में डाला।
- CBI ने ABG Shipyard के प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स के ख़िलाफ़ ₹22,842 करोड़ के फ्रॉड में FIR दर्ज की
नैतिकता की कहानी:
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ऑक्सफोर्ड से पढ़कर एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री ने गरीबों के बैंकों में जमा पैसे महारानी के राजनीतिक सलाहकार के दोस्तों को बांट दिया।
अब एक चाय वाला PM वसूली शुरू कर चुका है।️


#शर्मनाक,,,

माननीय सुप्रीम कोर्ट २०१६ के सेबी को आदेश के बाद भी भारत सरकार की संस्था सेबी जिसने २०१४ में पीएसीएल लिमिटेड की समस्त १.५ लाख करोड़ की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया था। और निवेशकों का देना है ५० हज़ार करोड़।।
निवेशकों का पैसा नहीं दे रही है,, मुझे तो नीयत ख़राब लग रही है।।और माननीय सुप्रीम कोर्ट भी सो रहा है।।।
धन्य है ऐसे नियम, कानून, आदेश, फैंसले।।
पता सभी को है लेकिन कोई राजनीतिक पार्टी भी पीएसीएल निवेशकों को न्याय दिलाने आगे नहीं आ रही है।।न किसी ने इसे अपने एजेंडे में शामिल किया।।
तो इस बार पीएसीएल लिमिटेड के छः करोड़ निवेशक चाहते हैं कि जो पीएसीएल का पैसा दिलवाएगा,वही हमसे वोट पाएगा।।
नहीं तो कोई वोट देने नहीं जाएगा।।और हमलोग क्या करें,जब हमारी खून पसीने की कमाई नहीं मिल पा रही है तो हम यही कर सकते हैं,, कृपया हमारे पैसे दिलवाएं,,

जय श्री राम
अतः सभी आदरणीय महानुभावों से मेरा विनम्र निवेदन है कि हमारा पैसा दिलवाने में हमारी मदद करें,, विधानसभा,संसद में ये मुद्दा ज़रूर उठाने की कृपा करें,,इस विषय पर सरकार से, सेबी से, माननीय सुप्रीम कोर्ट से प्रश्न पूंछे,,कि हम गरीबों का पैसा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी क्यों नहीं दिया जा रहा है,,
धन्यवाद
सेबी पीड़ित पीएसीएल निवेशक:::: यहां कोई घोटाला,फ्राड नहीं हुआ न ही कोई विदेश भागा,,