1ºजैसे ज्यादातर शांतिदूत, धर्मनिरपेक्षता वादी और तथाकथित बुद्धिजीवी पाकिस्तान और आतंकवादीयो की बुराई और निन्दा नहीं करते ठीक उसी प्रकार "K" कम्पनी खालिस्तानीयो को बुरा नहीं कह सकता है
भला कोई अपने माई बाप को बुरा कह सकता है
जहाँ तक हर जगह चुनाव लड़ने की बात है वो तो लडता ही है लड़ने के पैसे कहाँ से लाता है
ओर "मीडिया वाले" कभी भी इससे पहले किये गये झूठे वादो और गलत दावों के बारे में और इस पर लगने वाले इल्जामो के बारे मे कभी गंभीर सवाल नहीं करते बल्कि इसको झूठ फरेब को फैलाने में मदद ही करते है