1ºकॉंग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के एक फर्जी मामले में कॉंग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी और हमारे नेता राहुल गाँधी को परेशान करने का षड्यंत्र। इसी फर्जी मामले में ईडी ने हमारे दोनों नेताओं को नोटिस भेजी है।
यह मामला क्या है, समझिए।
अखिल भारतीय कॉंग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 90 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिया।सन् 2002 से 2011 के बीच।एक ही बार में नहीं, बल्कि करीब 100 किस्तों में।
उस राशि में से 67 करोड़ रुपये पत्रकारों के वेतन और अन्य बकाया के भुगतान पर खर्च हुआ। बाकी राशि सरकारी बिलों मसलन पानी,बिजली बिल इत्यादि पर खर्च हुआ।
कंपनी इतनी बड़ी राशि पार्टी को लौटाने की स्थिति में नहीं थी।इसलिए पूरे कर्ज को इक्विटी में बदल दिया गया।राजनीतिक पार्टियाँ किसी कंपनी में इक्विटी नहीं ले सकती हैं इसलिए सोनियाजी,राहुलजी और वरिष्ठ नेताओं को लेकर यंग इंडियंस नामक ट्रस्ट बनाया गया और 99% शेयर्स ट्रस्ट के नाम किए गए।
यह पूरी प्रक्रिया देश के विद्यमान कानून के अनुसार हुई है। इसमें मनी लॉंडरिंग कैसे हुई ? कोई भी राजनीतिक दल अपने मुखपत्र को आर्थिक मदद दे सकता है।
कॉंग्रेस ने अपने बैलेंस सीट में पूरा ट्रांजेक्शन दिखाया है और इसका ऑडिट भी हो चुका है।
यंग इंडियंस नॉट फॉर प्रॉफिट ट्रस्ट है।इसके संचालक ट्रस्ट से एक पैसा नहीं ले सकते।नेशनल हेराल्ड के किसी एसेट के मालिक भी नहीं हो सकते।
इसमें किसी व्यक्ति ने कोई लाभ नहीं कमाया है और ना कभी लाभ ले सकता है।
फिर भी भाजपा सरकार ने ईडी को हमारे नेताओं को महज परेशान करने के लिए लगाया है।
।इस द्वेषपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ हमें लड़ना है।
क्योंकि संघर्ष हमारे डीएनए में।
सोनियाजी और राहुलजी किसी भी दबाव से डरे बिना देश के लिए लड़ रहे थे , लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे । जयहिंद
#IndiaWithRahulGandhi