1ºबहुत अच्छा हुआ एनफोर्समेंट डायरेक्टेट (ED) ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए समन भेजा
मेरा मानना है कि राहुल गांधी और सोनिया जी को अपने घर से पैदल चलकर ED के ऑफिस तक जाना चाहिए. जब तक ED को सारे सवालों का जवाब नहीं मिल जाता तब तक ED का ऑफिस नहीं छोड़ना चाहिए. ED ऑफिस के सामने ही टेंट लगाकर बैठ जाना चाहिए.
करो पूछताछ, जितनी मर्जी हो पूछताछ करो. जितने घंटे बिठाना हो बिठाओ. जब तक तुम्हारे सवाल खत्म नहीं होंगे मैं नहीं जाउंगा – राहुल गांधी को यह बोलना होगा. आज नहीं तो कल. सर फूटेगा लेकिन दीवार भी टूटेगी.
मोदी सरकार के इस फैसले में मैं संकट नहीं, सुनहरा मौका देख रहा हूं. कांग्रेस को पूरी ताकत से देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद ED के दफ्तर जाना चाहिए. कांग्रेस के लोगों को ED की पूरी जिज्ञासा शांत करना चाहिए.
कल सिंघवी ने कहा कि वक्त मांगेगे. वक्त मांगने की जरूरत नहीं है. वक्त देने की जरूरत है. मैं होता तो 8 जून का भी इंतजार नहीं करता. बैग पैक करके आज ही ED के यहां पहुंच जाता. तिल-तिल कर जलने से अच्छा है पूरी लौ के साथ जला जाए. फिर बुझना तो एक दिन सबको है.
याद रखिए
इंदिरा गांधी को भी जनता सरकार ने गिरफ्तार किया था. इंदिरा ने कहा था कि मैं तब तक अपने घर से बाहर नहीं निकलूंगी जब तक मेरे हाथों में हथकड़ी नहीं लगाओगे. जनता पार्टी सरकार के अंत की शुरुआत उसी दिन हो गई थी. डेढ़-दो साल के अंदर जनता पार्टी सरकार का अस्तित्व मिट गया.
अपनी दादी को याद कीजिए राहुल गाँधी वक्त ने आपको उसी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. हथड़की लगनी चाहिए तभी ED को और मोदी सरकार को पता चलेगा कि हथकड़ी लगाने की कीमत क्या होती है.