राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी से पहले दिग्विजय सिंह का बड़ा हमला

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*विशेष सूचना*
*इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना*
राजस्थान सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में मनरेगा की तर्ज पर मांगे जाने वाले काम पर 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जाएगा। इस योजना के संचालन के लिए 800 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना को अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा था लेकिन अब इस योजना को शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों के लिए भी कार्यान्वित किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को उनके निवास क्षेत्र के पास रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा जिससे कि शहरी परिवारों को संबल प्रदान हो सके। यह योजना शहरी क्षेत्र के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार प्रदान करने में कारगर साबित होगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
*इस योजना का लाभ लेने के लिये नजदीकी ईमित्र पर जाकर अपना पंचीयन कराले*
आवश्यक दस्तावेज
1 जन आधार कार्ड
2 आधार कार्ड
3 बैंक की पास बुक

*सुरेन्द्र सोनू धाकड़ पार्षद वार्ड 36*


16 मई 2014 से सोनिया नराज क्यों है?----
अटलबिहारी बाजपेयी जी की जब सरकार थी तब सोनिया विपक्ष में थी, लेकिन जलाल उनका बना हुआ था। तब कोई भी अंतर्राष्ट्रीय मेहमान भारत यात्रा पर आता था, वो सोनिया से बिना मिले नही जाता था और कुछ तो वहां उनके निवास में जाकर मिलते थे। यहां यह ध्यान देने वाली बात है की अंतर्राष्ट्रीय मेहमान किस से मिलेगा या नही मिलेगा, यह मेजबान राष्ट्र की सहमति से ही तय होता है और , सोनिया को महामंडित होने दिया गया ।
सोनिया गांधी से अब कोई नही मिलता है और जहाँ तक मेरी जानकारी है भारत की नई सरकार का रुख देख कर अब कोई भी अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, सोनिया से मिलने के लिए, भारतीय विदेश मंत्रालय को अपनी इच्छा प्रगट नही करता है। ये सोनिया के अंतर्राष्ट्रीय आभा मंडल का चीर हरण था।
अंतर्राष्ट्रीय हस्ती सेआभा मंडल समाप्त हो चुका है
पहले विपक्ष में थी, तब बेटा बोस्टन हवाई अड्डे में पकड़ा गया था तो बाजपेयी जी सीधे अमेरिका के राष्ट्रपति को फोन कर के बेटे को छोड़ने का अनुग्रह करते थे और बेटा छूट जाता था। अब सोनिया भारत के प्रधानमंत्री को फोन ही नही कर सकती है और न ही कोई अवैधानिक कार्य करा सकती है। इससे उपजी हुयी ग्लानि से परेशान
भारत की नई सरकार, सोनिया की किसी भी ज़िद पर ध्यान ही नही दे रही है और उन्हें भारत की सड़क पर साधारण भारतीय की तरह घूप में खड़ा होना पड़ रहा है. आज सोनिया 1968 के बाद से, 47 साल बाद,एक आम भारतीयों की कतार में खड़ीं हो गई है।
एक साधारण नागरिक बन जाने के अपमान से, सोनिया बहुत तिलमिलाहट में है।
नेशनलिस्ट सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ़ नागालैंड (NSCN) से नई सरकार बिना किसी को हवा लगे, संधि कर लेती है और सोनिया को कानो कान खबर भी नही लगती है। ये ऐसी संधि है, जिस पर सोनिया, चाह कर भी, यह भी नही कह सकती है कि मनमोहन सरकार के काल से ही बात चीत चल रही थी और नई सरकार ने कुछ नया नही किया है।
बड़ी झुंझलाहट है, इस गोपनीयता से, सोनिया बहुत नाराज है।
सोनिया गांधी के प्रभाव से, चर्च को, भारत में ईसाई धर्म के प्रसार की, बिना रोक टोक के, अनाधिकारिक छूट थी।
उनके चर्च और रोमन कैथोलिक आत्मा का इस तरह के तिरस्कार से से भी परेशान है
यहाँ एक बात याद रखिये की जब जड़ गहरी हो तो तेज़ाब डाला जाता है (चाणक्य ने मट्ठा डाला था) और जड़ धीरे धीरे सुखाई जाती है. हाँ, पेड़ काटा भी जा सकता ,है लेकिन यह भारत देश है, जहाँ भावनाए बड़ी जल्दी आहत होती है। जल्दीबाजी में ज्ञानी, अज्ञानी, प्रकृतिप्रेमियों के उस पेड़ से लिपट जाने का खतरा बना रहता है। उन्हें पूर्व में किये हुए नुकसान और भविष्य में होने वाले नुकसान से मतलब नही रहता है, वो तो सीधे लकडहारे और कुल्हाड़ी पर ऊँगली उठा देते है।


ऐसे पक्षियों में उलू को सब पक्षी मिलकर राजा बनाया था क्यूं की पक्षी के गोशले से अंडों की चूराकर खा जाता था तो उलू को रात में दिखता है दिन में नहीं दिखता है इसलिए उलू को राजा बनाया गया था तो राजा करे ऐसा सब करे राजा कहना मानते थे तो चोरी तो उस रात मैं हो गई चोर कोन वोई उलू था उसको रात में दिखता है तो वो रात दुसरे फक्षीयो का अंडा खा जाता था दिन में आराम से सो जाता था फिर एक दिन पक्षी हुए जमा और बुलाया उलू राजा को उल्लू को दिन में दिखता नहीं तो उल्लू आगे चलता है तो उल्लू किसी से टकराते हैं तो पब्लिक भी उस से टकराते हैं वो मालूम नहीं की उलू राजा को दिन में दिखता नहीं है इसलिए किसी भी टकराते हैं तो पब्लिक क्यूं टकराते हैं