कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा, हम तो यही कहना चाहेंगे अग्निपथ कहीं पानीपथ में ना बदल जाए

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा, हम तो यही कहना चाहेंगे अग्निपथ कहीं पानीपथ में ना बदल जाए #Dangal #Agnipath Chitra Tripathi

           

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ए चित्रा भौजी बहुत अच्छा आप बोल लेते है।
ए भौजी 2014 से 2022 पूरे 8 साल में 10 लाख नौकरी नहीं दे पाए है मोदी जी ऐसा कोन सा मास्टर स्ट्रोक दिमाग में आया जब 1.5 साल में ऊ 10 लाख नौकरी देंगे कैसे मान ले की ये जो बोल रहे ऊ जुमला ना होगा। सब लोक सभा चुनाव है ।इसलिए अपना माहौल बना रहे है।
2019 का ग्रुप डी का परीक्षा अभी तक नही लिए है ....
ए भौजी तोहनी के कारण ई मोदी जी की नाकामी छुपा के कभी मंदिर कभी फालना ढेकना कर के नौटंकी करते रहते है। होगा सब का इलाज होगा सुधर जाइए


ED जांच दौरान राहुल गांधी को मामूली दिक्कत तक नहीं पहुंचने पर भी मोदीजी की जीवन-मृत्यु के बारे में बकवास करने वाले कांग्रेसियों को क्या नेहरू-इंदिरा-राजीव की तरह राहुल के भी क्रियाकर्म के अंदेशे के सिवाय कुछ अन्य दिखाई नहीं दे रहा कि जो मन में आया, वही बकने लगे। कांग्रेसियों :-

1962 में युद्ध पराजय के बाद सत्ताच्युत डर से "दे दनादन" सिगरेट पीने वाला नेहरू तड़प-तड़पकर मरा, तो गुप्तचर एजेंसियों द्वारा 2 सुरक्षाकर्मी हटाने का सुझाव न मानकर जानबूझकर मरने वाली इंदिरा की लाश तो मिली, लेकिन "बड़ा पेड़ गिरा, धरती अभी तक क्यों नहीं हिली," बयान देकर हजारों सिखों के गले में जलते टायर डलवाने वाले राजीव का 17 अन्यों के साथ चिथड़े उड़ने पर राजीव के शरीर के हिस्से तक पूरे नहीं मिल सके।

सत्ता बौखलाहट में दिव्य-शक्ति रूपी मोदीजी के बारे में कांग्रेसी जितना अर्गनल बकेंगें, मोदीजी की बची-खुची दिक्कतें कांग्रेसियों के गले में डलती रहेंगी।

एक तरफ खरबों रूपयों के घोटाले होने पर भी चुप्पी साधने वाले मनमोहन सिंह, दंगेबाज इटालियन माईनो तथा अपने मुख्यमंत्रित्व काल में "हल्ला-बोल" द्वारा जनता में दहशत फैलाने वाले मुलायम सिंह (त्रिगुटे) को मामूली over doze होने पर डॉक्टरों में सनसनी फैल जाती है कि, कुछ होने से न जाने कितने जाँच आयोगों को जवाब देना होगा, तो दूसरी ओर मुझसे न त्रिगुट को कोई मतलब, न BJP सांसदों को। उसी का नतीजा है कि मुझे 3 जगहों रहने पर ₹10 हजार किराया खर्चने के बावजूद शर्णार्थी से बदतर जीवन बिताना पड़ रहा है।

कऐक लूटेरे हिंदुओं और नकली दाढ़ी लगाए ईसाई-परस्त खालिस्तानी को तब तक चैन नहीं पड़ता, जब तक उनसे दुखी होकर मेरे जैसा मेहनती हिंदू गिड़गिड़ाने न लग जाए। लूटेरों-पापियों से बचने का भरपूर प्रयास करने के बावजूद कोई मजबूरी या दुष्टों के कई सहयोगी होने से मेहनती बच नहीं पाने पर परेशान करने वाले लूटेरों को अपार आनंद अनुभूति होती है। पुलिस और कोर्ट को मालूम होते हुए भी सब-कुछ गवाहों की बिनाह पर होने के कारण सच का साथ नहीं दे पाते। कभी सच की जीत हो भी गई तो इंदिरा, राजीव जैसे सत्ता नशे में मदमस्तों ‌द्वारा कोर्ट का निर्णय ही बदल दिया जाता है। दुनिया के समस्त कुंए भर सकते हैं लेकिन घोटालेबाज नेता या रिश्वतखोरे अफसर के वरदहस्त का पेट फट तो सकता है, भर नहीं सकता।

मैंने त्रिगुट का क्या बिगाड़ा जो उनके कारण JB-II कांड के तहत आज बेघर की पीड़ा का दंश झेल रहा हूं? मेरा त्रिगुटे को सुझाव है कि मुझे मेरे Jhansi के Banina के मकान के ऐवज में माइनो ₹25.3 लाख हर्जाना तथा मुलायम 4 महीने की मुख्यमंत्री पद की तनख्वाह दे।

आखिरकार तीनों ने वेतन किस बात का लिया? अगर इनसे इतना काम भी नहीं होता कि पुलिस अधीक्षकों को कहें कि ताला तोड़ने वालों को ढंग से समझा दें, तो संसद में तो क्या, ये पंचायत में बैठने लायक भी नहीं। इनके एक तरफ "देश के प्राकृतिक संसाधनों पर मुसलमानों का पहला अधिकार" संबंधी व्यक्त तो दूसरी ओर सैनिकों को पत्थरबाजों पर पलटवार न करने के निर्देश-स्वरूप पाकिस्तानियों द्वारा सैनिकों के सर काटकर ले जाने से 2008 में 153 सैनिकों ने suicide किया। इसलिए इस त्रिगुट के सहयोगी ठाकरे को चाहिए कि शिवसेना का नाम बदलकर "श्मशान सेना" रखे।

यद्यपि सांसदों को सैनिकों से कोई लेना-देना नहीं होता, फिर भी मेरा सुझाव है कि मेरे मकान का निपटारा करें। यह तो दुश्मन देशों और आतंकवाद का खतरा है, जिससे कोई घटना होते ही तत्काल सेना याद आती है।


बेचारा बहुत कट्टर राष्ट्रवादी PM था कहता था देश नहीं बिकने दूंगा पूरे देश को जगाने का काम किया अगले ने, एकदम चौकीदार बन कर 18 18 घंटे मेहनत की उसने अपने मित्रों के लिए तब जाकर जनता को कटोरा पकड़ाया अब जब उसे विश्वास हो गया कि देश जाग गया है और जनता आत्मनिर्भर बन चुकी है और उसका उद्देश्य पूर्ण रूप से सफल हो चुका है तो अब उसमें सत्ता को लेकर कोई लोभ ही नही बचा आखिर फकीर आदमी था, उसका क्या था निकल लिया झोला उठा कर आगे क्या हुआ आगे वही हो रहा है जो जर्मनी में हुआ था, इटली में हुआ था जनता जाग गई मित्रों वो तो झोला उठा कर निकल लिया अब उसके भगत और मंत्री चौराहे पर पिट रहे हैं वैसे पिछले महीने अफसरो ने यहां भी श्रीलंका जैसे हालात बनने की चेतावनी दी थी फलाने कोअगर आप जर्मनी और हिटलर से सबक नहीं ले सके और उसे मात्र एक संयोग मानते हैं तो श्रीलंका को देख कर तो आपकी आँखें खुलनी चाहिए #मोदी एक ऐसा प्राणी है जिससे मिलता है वो भी बर्बाद उसका देश भी बर्बाद श्रीलंका वाले ने इस्तीफा दे दिया पाकिस्तान वाले से इस्तीफा ले लिया.... अडोस-पड़ोस के 2 तो झोला उठाकर चले गए हैं डरा नहीं रहा बस बता रहा हूं बस बता रहा हूँ #अंधभक्तो


Cb Singh akal andho ne tho apne faida k liye desh ka batwara kiya Muslimo k liye hi Pakistan ko banaya tha lekin Bharat ko dharmsala banake chhor diya apne faida k liye hi akal k dusman, free k gas cylinder chahiye, free k souchalay chahiye garib mahilao k izzat bachane k liye, free ka 5lakh health insurance chahiye, free k Rasan chahiye, free k 500 chahiye Yeh payment koun diya tha Modiji ko Congress, Congress ne v 1975 me emergency lagaye thhe kitno ko free ka saman diya thha koi jabab hy aapke pash, aa gaye Modiji k bare me bolne k liye coronavirus


In Israel there is 4 years compulsory military training rule. Agnipath scheme is inspired from Israel with the additional benefit of job for 4 years, 12 lakhs on retirement, ex servicemen quota benefit, reservation in future jobs in CRPF, ASSAM RIFLES etc. Free Life insurance scheme. 10 th pass candidates will continue their studies too along with training.. Experience of armed forces training will definitely give them priority in private sector jobs as well because every company wants disciplined workers.. It is a good scheme overall. And it is optional, not compulsory.. Those who don't like the scheme will not apply