क्या विरोध के नाम पर ट्रेन में आग लगाना सही?

बुलडोज़र कार्रवाई को लेकर SC ने यूपी सरकार से मांगा हलफनाम। इस मुद्दे पर AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान और वरिष्ठ वकील अमिताभ सिन्हा में हुई तीखी बहस #Dangal| Chitra Tripathi पूरा कार्यक्रम: https://bit.ly/3b5XWEJ #ATHighlights

           

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यह ओवैसी की आ गए लोग दंगे करने के लिए एक दंगे यहां करवा रहे हैं एक दंगे वहां करवा रहे हैं दंगों की साजिश रची जा रही है भारत में बहुत तेजी से उसके पीछे कुछ तो कांग्रेस पार्टी के लोग हैं साफ खुल्ले लफ़्ज़ों में बोल रही हूं और बेबुनियाद किसी के पर आरोप नहीं लगा रही हूं जो देखा है जो सुना है जिसको समझा है जिसको जाना है उसी के बारे में बोल रही हूं और दूसरे ओवैसी की पार्टियों के लोग हैं यह दोनों पार्टियों के लोग बराबर मिल चुके हैं और इन्हीं की साजिश से पूरे में दंगे का काम भड़कता चला जा रहा है तो सरकार को तेजी से अभियान चलाना चाहिए नहीं तो भारत में ऐसे ही दंगे भड़कते रहेंगे पुलिस वालों को भी शक्ति से काम करना चाहिए और कमांडो को सेना को भी शक्ति से काम करना चाहिए दंगे जो भी पड़ता है उसकी साजिश की अगर थोड़ी सी की खबर भी कहीं से पड़ती है तो तुरंत वहां पर एक्शन लिया जाए नंगे होने ही नहीं दिए जाए और जो करते हैं वहां पर देख रहे दंगे भड़क रहे थे इतनी फोर्स पुलिस की लग जाए और लोगों को दंगे वालों को छूट बंदूक मारने का आदेश भी मिल जाना चाहिए या तो ठोक दो बस यही होना चाहिए इन लोगों को लगता है ना लगता है कोई भी बाहर निकलता है ना देने का आदेश मिल जाता है उसी प्रकार से मिलना चाहिए क्योंकि मरने वाला तो मर जाए क्योंकि अगर वह ट्रेनों में आग लगाएगा घरों में आग लगाए जाने चाहिए डालना चाहिए क्या पैसा लेना चाहिए और कोई कानून नहीं बनाए जो करेगा उसको भी नहीं जाना चाहिए भारत में बढ़ते जा रहे हैं लोगों के पीछे रहेगी इसके बारे में भी नेताओं को तेजी से सोचना चाहिए कि सोचना ही बंद कर दो काम करो काम करो बैठे बैठे रोटी खा रहे हो जरा काम भी तो करो