अग्निपथ स्कीम को लेकर RJD प्रवक्ता शक्ति यादव ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

अग्निपथ स्कीम को लेकर RJD प्रवक्ता शक्ति यादव ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, बोले - देश के युवाओं में अविश्वास है देखिए #हल्ला_बोल Anjana Om Kashyap के साथ

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10162652471327580

भाजपा सरकार आने के बाद भारतीय सेना इतना मज़बूत हुआ कि चीन ने भारत में कई जगह कब्जा किए पुल बनाए बस्ती की बस्ती बसा ली
ये युवा हैं जो सरकारी संपति का नुकसान कर रहे हैं पुलिस वालों को कूट रहे हैं तोडफ़ोड़ ट्रेनों में आगजनी कर रहे हैं सच्चे देशभक्त भाजपाईयों की कुटाई कर रहे हैं
और दूसरे वाले अपने धर्म गुरु के अपमान करने वालों का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे तो दंगाई आतंकी उत्पाती जाने क्या क्या कहा गया
आज एक सप्ताह भी नहीं गुजरा खेल पलट गया
इसी को ऊपर वाले का इन्साफ कहा जाता है

दूसरी बात भाजपा को सत्ता में आने के बाद भारतीय सेना इतना मजबूत हुआ कि चीन ने भारत में दो दो पुल बना लिए बस्ती की बस्ती बसा लिया और आज ये मक्कार अग्निपथ के नाम पर भारतीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं सिर्फ अपने फायदे के लिए


सबसे पहले तो इन फालतू की tv डिबेटों को बंद करो।
जीस बच्चे को भर्ती होना हैं वो ही सड़कों पर हैं तो सरकार क्या अंधी हैं ,ये बच्चे किसी राजनीतिक पार्टी ,या संघठन के नहीं ये सेना में भर्ती होने वाले नौजवान हैं। जब इनको ही पसंद नहीं ये तो इन पैनल वालों की राय नहीं चाहिये हा पूर्व सेना अधिकारी क्या सोचते हैं उन को सुना जा सकता हैं ,ये बहस अब कर रहे हो तो पहले ही कर लेते।

सरकार चाहे कितनी भी कोशिश कर ले
नौजवानो की इस शंका का समाधान नहीं कर सकती के चार साल बाद हमारा क्या होगा। सामान्य व्यावहारिक और उतेजक भावना हैं ये।

ऐसी भर्ती से सेना से जुड़ाव नहीं हो सकता चाहे आप कितने ही तर्क दे दे
सरकार से अनुरोध हैं के ये फैसला वापिस ले ले।
देश और देश की सेना के भविष्य के लिये बिल्कुल सही फैसला नहीं हैं ये। हो सकता हैं आप ने कूछ अलग सोच के ये निर्णय लिया हो लेकिन आप गलत हो यहां पर। नौजवानो से अनुरोध हैं वो अपना आक्रोश सरकार को दिखाए और बताए लेकिन आगजनी ,तोड़फोड़ ,हिंसा ना करें।


किसी भी कानून को लागू करने से पहले कम से कम संसद में चर्चा हेतु रखा जाता है, उसके सही और गलत पहलू ढूंढे जाते है पक्ष और विपक्ष में तर्क वितर्क दिए जाते है, तब जाके कोई कानून बनाने पर सहमति बनती है(संविधान के अनुसार तो यही procedure है, बाकी आधी रात को नोटबंदी करने का फैसला लेने वाले तो खैर कुछ भी कर सकते है)

आधे से ज्यादा दंगे फसाद की जड़ ये मनमर्जी से बनाए गए कानून है जिनपर संसद में कोई बहस नहीं होती ना ही किसी को इसके सही और गलत प्वाइंट समझाने की जरूरत समझते है ये लोग (IT cell बैठा तो है बाद में अपने सरदार की गलत बातों पर पर्दा डालने के लिए खैर ,तो डर किस बात का)

कई बार इनके IT cell वालो को जी भरके गाली देने का मन तो बहुत करता है लेकिन कुछ सीनियर्स है अपने तो इज्जत रखनी पड़ती है, खैर वो मुद्दा नहीं है यहां,

अब सड़को पर उत्पात मचाया जा रहा है, सरकारी संपति में आग लगाई जा रही है,हजारों की संख्या में युवा सड़को पर है , सब तमाशबीन बनके देख रहे है क्योंकि अब इनकी फौज आयेगी (20 रुपए वाली )जो ये बताने की कोशिश करेगी की देखो प्रधान सेवक तो सबका भला चाहते है लेकिन इस देश का युवा रोजगार लेना ही नहीं चाहता,

अरे रोजगार ही देना है तो नियमित तरीके से दो और जो ये दुहाई दे रहे है कि developed nations ki तर्ज पर ये सब कर है तो इन्हे याद होना चाहिए कि वहां रिटायरमेंट के बाद भी आसानी से job मिल जाती है सैनिकों को क्युकी मुट्ठी भर जनसंख्या है उनकी,और रोजगार की भरमार है ।
हमारे यहां के ex army कर्मचारियों का ब्यौरा उठा कर देखो पहले की रिटायरमेंट के बाद कितने प्रतिशत सैनिकों को रोजगार मिला और कितने अभी भी पेंशन पर गुजारा कर रहे है ???

लेकिन इन्हे एक बात और याद रखनी चाहिए कि जिस तरीके से किसानी इस देश का भावनात्मक मुद्दा था वैसे ही सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना और उसके लिए जान तक न्यौछावर करना एक आम साधारण से परिवार के लड़को का जज्बाती मुद्दा है,
ये व्यापारी इस दर्द को कभी नहीं समझ पाएंगे कि सेना में भर्ती होने की तमन्ना और उसके लिए दिन रात एक करके जी- तोड़ मेहनत करना कैसा होता है???

इन्ही युवाओं के दम पर आपको पूर्ण बहुमत मिला था लगातार 2 बार, इनके जज्बातों से खिलवाड़ बहुत महंगा पड़ेगा आपको साहब ।।

ये बेरोजगार युवा खाली reels बनाना ही नही जानता सोशल मीडिया पर, धरातल पर आके अपने हक के लिए लड़ना भी जानता है

जय हिन्द जय भारत