1ºपहली बात तो ये कन्फ्यूजन दूर कर लेना चाहिए कि यह आंदोलन अग्निपथ योजना शुरू करने को लेकर नहीं है बल्कि पुरानी भर्ती योजना को बंद करने को लेकर हो रही है।
तो समझना ये भी जरूरी है कि पुरानी भर्ती में ऐसा क्या था जो नई अग्निपथ भर्ती योजना में नहीं है।
पुरानी भर्ती प्रक्रिया में सबसे पहले कठिन शारीरिक प्रतियोगिता परीक्षा पास करते हुए चिकित्सा परीक्षण से गुजरना पड़ता था। उसके बाद लिखित परीक्षा ली जाती थी। उसके बाद मेरिट का प्रकाशन होता था। मेरिट वाले अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति करवायी जाती थी।
योगदान के उपरांत उन्हें शार्ट सर्विस कमीशन के आधार पर 14 वर्ष तक के लिए उन्हें सेवा देना होता था। इसमें उन्हें खाने रहने के साथ साथ पे कमीशन के आधार पर वेतन, रिस्क अलाउंस एवं सेना में मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ दिया जाता था। इसके बाद रिटायरमेन्ट के बाद ग्रेचुअटी और पेंशन का लाभ उनको और उनके बाद उनके आश्रितों को दिया जाता था।
अब नई वाली 'अग्निपथ योजना' के बारे में समझिये।
इसमें भर्ती होने की प्रक्रिया हूबहू पहले की ही तरह रहेगी। लेकिन उनका सेवाकाल को घटाकर 4 वर्ष तक सीमित कर दिया गया है। सुविधा तो 4 वर्ष तक सभी सामान्य सैनिकों की तरह मिलेगी लेकिन वेतन का प्रारूप नया होगा जिसमें की औसतन प्रति माह के हिसाब से 23000/- मिलेगा। जो कि 4 साल में कुल 11 लाख के लगभग बनता है। एवं 4 वर्ष के सेवामुक्ति के उपरांत उन्हीं सैनिकों के वेतन से कटे 11 लाख का संयुक्त धनराशि दिया जाएगा। उसके बाद उन्हें कोई पेंशन का लाभ इस योजना में शामिल नहीं हैं।
अब आप ही सोचिये की जिस भर्ती प्रक्रिया से पहले जिस सैनिकों को 14 वर्ष या उससे ज्यादा देश सेवा करने का मौका मिलता था उसके एवज में उनके बच्चे और परिवार वालों को थोड़ी बहुत आर्थिक सुरक्षा मिलती थी एवं रिटायरमेंट के बाद सम्मानजनक जिंदगी गुजारने के लिए पेंशन की सुविधा दी जाती थी।
ठीक उसी तरह के कठोर भर्ती प्रक्रिया से चयन हुए सैनिकों को सिर्फ 4 वर्ष ही देश सेवा का मौका मिलेगा और उसके बाद उन सैनिकों के आर्थिक सुरक्षा को राम भरोसे छोड़ दिया जाएगा तो अभ्यर्थियों का विरोध करना स्वाभाविक है।
अब इतनी सी बात के लिए आप अभ्यर्थियों के विरोध को कोस रहे हैं तो आपकी बुद्धि की बलिहारी है।
इससे अच्छा रहता कि पुरानी भर्ती योजना को बिना छेड़छाड़ किये इस नई भर्ती 'अग्निपथ योजना' को NCC के तर्ज पर ज्यादा सुदृढ़ कर आर्मी के अंदर उन्हें प्रशिक्षण देकर अग्निवीर बनाया जाता तो युवा ज्यादा स्किल्ड और प्रशिक्षित होकर देश और समाज के सुरक्षा और विकास में योगदान दे पाते एवं उनके अवसरों में भी बढ़ोतरी होती।
जय हिंद