1ºयह बेहद दुखद है। आजकल तो सरकारिया तंत्र में सबकी लाटरी खुली हुई है। विशेषकर हमारे नेता लोग का सर कढ़ाई में और पांचों अंगुलियों घी में है। यहां तक की संतान की संतानें भी मौजा ही मौजा लिखा ली है। फिर इनके साथ क्या दुश्मनी है!यह हम सभी के लिए डूब कर मरने वाली बात है -नहीं है? न्यायालय से निर्णय हुआ था पेंशन देने का फिर इनको पेंशन क्यूं नहीं मिली। बुढापा है इनके सारे काम सरकार को करके देने चाहिए। मामला कहां अटकाया गया-मालूम कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इनके दुखों और संताप की भी पूर्ति होनी चाहिए -इंसानियत का तकाजा है।