ये शब्दों के प्रहार की प्रखरता कम हुई है...

ये अनपर्लियामेंटरी एक्सप्रेसन की किताब है। ये मोदी जी के सत्ता में आने से पहले की किताब है। इसमें देखिए किस तरह के शब्द निकाले गए हैं. गरुण पुराण, गरीब ब्राम्हण, गरजते हैं बरसते नहीं जैसे शब्दों को निकाले गए हैं।: पूर्व सांसद और JDU नेता @KCTyagiJDU देखिए #हल्ला_बोल, Anjana Om Kashyap के साथ #Parliament #ParliamentLanguage

           

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साहेब, अब लगे हाथ संसद से ‘डॉलर’ शब्द भी बैन करवा ही दो। वर्ना जैसा आपने कहा था कि रुपया अपनी क़ीमत खोता रहेगा और प्रधानमंत्री अपनी गरिमा।रुपये की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट के बाद 1 डॉलर की कीमत पहली बार 80 रुपये के पार हो गई है। यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक स्थिति है। यह दिखाता है कि मोदी सरकार के पास अर्थव्यवस्था को लेकर कोई कार्ययोजना नहीं है।
रुपये की कीमत में गिरावट से आने वाले दिनों में महंगाई और बढे़गी एवं विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घटेगा। कमजोर होते रुपये से देश की साख भी कम होगी।
यूपीए सरकार के समय 1 डॉलर की कीमत 60 रुपये होने पर सवाल पूछने वाले आज कहां चले गए?




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