1ºहैडलाइन देखिये.... आजादी के बाद पहली बार खाद्य पदार्थो पर टैक्स लगा.
बस यह हैडलाइन पढ़ते ही दुःख और व्यथा का सागर हिलोरेँ लेने लगता है. हालाँकि बात घूम फिर कर वहीं आती है.... कि क्या यह सच है??
2009 में खाद्य पर 5% VAT टैक्स लगाया गया था, और यह टैक्स हर प्रकार के सामान पर था, packed और non -packed ... उसके बाद यह टैक्स 2017 तक जारी रहा.. GST आने के बाद यह टैक्स हटाया गया और खाद्य सामान को किसी भी टैक्स से बाहर रखा गया.
तो भाई 2009 से 2017 के बीच जो VAT लगता था, वो क्या था?? टैक्स ही था ना... हम ही देते थे ना???
क्या आपने 2017 में यह टैक्स ख़त्म करने पर ख़ुशी जाहिर की थी..?? तब तो इसे गब्बर सिंह टैक्स बताया जा रहा था.
अभी भी Branded सामान पर ही GST है.... खुला सामान पर कोई टैक्स नहीं है.
लोग बड़े ही दोगले होते हैं.... रोजाना ज्ञान देंगे कि भाई सरकार गरीब दूकानवालो, परचून वालों का ध्यान नहीं रख रही... माल वाले सारा धंधा ख़त्म कर रहे हैं....... अब खुला खाद्य बिना टैक्स के है... किराने और परचून वालों के लिए अच्छा अवसर है.... लोगों को सस्ता सामान दो.. ब्रांडेड से कम कीमत में दो...अच्छी service दो... लोग आपसे खरीदेंगे.
अब कुछ ज्ञानचंद आ जाएंगे.... कहेंगे कि आप रफूगरी कर रहे हो.... अरे भाई Facts पर बात हो रही है.... पढ़े लिखे हो तो जानकारी लाओ और बात काटो... खैर वो होगी नहीं इन लोगों से.
मनीष शर्मा