फ़्री की रेवड़ी प्रसाद है या पाप है?

फ़्री की रेवड़ी प्रसाद है या पाप है? अपनी राय दीजिए और देखना न भूलिए #10Tak Sweta Singh के साथ रात 10 बजे. #Promo

           

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वर्तमान में जो देश में हो रहा है उसे समझने की जरूरत है जो समझ गया उसे कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है जो समझना ही नहीं चाहते उनका अंतिम लक्ष्य देश को बर्बाद करना है।

नोटबन्दी ? लाभ किसे हुआ ?
GST ? लाभ किसे हुआ ?
लॉक डाउन ? लाभ किसे हुआ ?
प्रधानमंत्री केयर फंड ? किसका लाभ ?
राममंदिर चंदा ? किसका लाभ ?
निजीकरण ? लाभ किसे हुआ ?
उत्तर- बीजेपी,संघ व दो उद्योगपतियों का।

जनता को मिलने वाली सुविधाओं को प्रधानमंत्री जी रेवड़ियां कहते हैं।रेवड़ी किसे कहते हैं समझने की जरूरत है

बैंकों से अपने मित्रों को ऋण दिलवाना,उनसे पार्टी फंड में चंदा लेना और विदेश भगा देना।यह है रेवड़ी।अब तक साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये भारतीय बैंकों के डकारकर मित्र विदेश भाग चुके हैं। पिछले 5 वर्षों में लगभग 4 लाख भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है

मित्रों से मोटी रकम वसूल कर विदेशों से महंगे हथियार,कोयला के टेंडर दिलवाना फिर देश के राज्यों की सरकारों को उन्हें खरीदने पर मजबूर करना।भारत में इस वर्ष पिछले साल से 32% कोयले का उत्पादन ज्यादा हुआ जो 3000 रुपये टन उपलब्ध है लेकिन अडाणी का कोयला बिकवाने के लिये पूरे देश को यह कहकर अंधेरे में डुबो दिया कि राज्य सरकारें 10% कोयला 30,000 रुपये टन के भाव से अडाणी से खरीदे वर्ना भारत में निकलने वाला कोयला भी राज्यों को नहीं दिया जायेगा।यह है रेवड़ियां।

उद्योगपतियों के 11 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिये यह है रेवड़ियां।

देश की खेती मित्रों को सौंपने के लिये तीन कृषि कानून लाये,देश के नौजवानों को बीजेपी कार्यालय व मित्रों के गार्ड बनाने के लिये अग्निवीर तैयार कर रहे हैं।यह है रेवड़ियां।

पूरे देश के अन्न,जल,दूध पर कब्जा अपने मित्रों का हो इसलिये बिना पैकिंग बेचने पर रोक और पेकिंग पर GST।यह है रेवड़ियां।

शिक्षा पर मित्रों का कब्जा हो इसलिये कॉपी,पेन पर भी GST।

मतलब देश की सरकार को आम जनता से कोई लेना देना नहीं है।सुखी है या दुःखी हैं उनके मित्र खुश होने चाहिये।

जिस दिन मित्रों को लगेगा कि हंगने व मूतने से भी धन कमाया जा सकता है उस दिन हंगने व मूतने पर भी GST लगेगी।

दाहसंस्कार सामग्री को GST से बाहर रखा है क्योंकि मित्रों के लूटने का एक ग्राहक कम हुआ है इस बात का दुःख है।जिस दिन मित्रों को लाभ होगा उस दिन इस पर भी GST लगना तय है।

जिस दिन से आटे व दूध पर GST लगी है उस दिन से विश्व गुरु तो बन ही गये इस बात की तो सभी देश वासियों को बधाई तो देना नैतिकता है।

8 साल में सरकार ने जनता के हित में कोई काम किया हो तो मुझे भी बताना।




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