1ºनमस्कार | हमारी "कायस्थ निगम" जाति
राजनीति बहुत ही पिछड़ी है तथा अन्य
जातियों के मुकाबले "अल्पसंख्यक" भी है |
इनका न कोई मन्दिर है न कोई मस्जिद और न ही इनको वर्ण व्यवस्था में रखा
गया है और न ही इनका अपनी जाति का
कोई बोट आधार है जो कोई चुनाव जीत सकें | शायद आजादी के बाद कोई सांसद या विधायक इस जाति का रहा हो | आजादी के बाद इन 75 वर्षो दो विधायक
यू0पी0 में रहें हैं आप इसे जीरो प्रतिशत
समझे | न ही कोई सभासद होता है न ही पंचायत सदस्य होता है न ब्लाक प्रमुख होता न ही मेयर होता है न ही किसी राज्य का राज्यपाल या उपराज्यपाल होता और न ही राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कभी
हुआ |
ऐसे में उपरोक्त जाति को अल्पसंख्यक या फिर हमारी अपनी मांग
है कि हमें (स्वयं) को बेवकूफों की जाति में
रखने की कृपा करें |
स्वामी निगमानन्दजी