RSS नेता होसबाले ने महंगाई पर जताई चिंता, बोले-खाना, कपड़ा और मकान सस्ता चाहते हैं लोग

RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कहा कि महंगाई और खाद्य पदार्थों की कीमतों के बीच संबंध पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए

           

https://www.facebook.com/aajtak/posts/10162740114322580

देश के लिए क्या करना चाहते हैं और क्या कर रहे हैं यह भी तो मालूम हो?
भ्रष्टाचार के लिए घूस देने वाले भी जिम्मेदार वार है।
यदि देश की जनता चाहे तो घूसखोरी बन्द करा सकती है।
यही एक रास्ता है देश के विकास का यदि घूसखोरी बन्द हो जाए और कानून व्यवस्था ठीक हो जाए तो सब कुछ मिल जाएगा गारंटी है।
इसके लिए आन्दोलन करने की जरूरत है।
फिर आर एस एस किस मर्ज की दवा है?
इमरजेंसी में मंहगाई एकदम समाप्त हो गई थी।
उसे तो सभी ग़लत बता रहे हैं।
एक वार कठोर निर्णय लेने पड़ेंगे योगी जी ने यह काम आरंभ भी कर दिया है।


आज कोई कुछ नहीं चाहते, राष्ट्र भक्त हो गये सब! राष्ट्र के विकास के लिये मंहगाई, बेरोजगारी, बढ़ती रहे, नौकरी से निकाला जाये, सुविधायें, सब्सिडी खत्म कर दी जायें! कोई फिकर नहीं! किसानों को फसल के उचित दाम न मिले, जवानों को सीमा पर मर मिटने के लिये अग्निवीर बनाकर ४-साल में सड़कवीर बना दो, जितना मन करे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष टैक्स लगा दो, जीएसटी, इनकम टैक्स जितना चाहो बढ़ा दो, राष्ट्र के विकास में योगदान के लिये जनता उफ नहीं करेगी! बस, हमारे नेता, मंत्री ऐश करते रहें! पदों से बाहर होकर भविष्य में भी उन्हें गाड़ी, बंगले, उनकी लाखों में बिना टैक्स चुकाये पैंशन मिलती रहे, वो ऐश करते रहें, इसी चिंता के साथ हमें अपनी राष्ट्रभक्ति पर गर्व है!
हम सभी गरीबी, मंहगाई, बेरोजगारी की बातें तो पूर्व की राष्ट्रद्रोही सरकारों को हटाने के लिये किया करते थे! जिस तरह स्वतन्त्रता सेनानियों ने आंदोलन खड़े करके अंग्रेजों को भगाया था, उसी तरह पूर्व की राष्ट्रद्रोही सरकारों को हटाने हम लोग ये फालतू की मांगें किया करते थे! आज अग्रेजों, काले अंग्रेजों का रामराज्य है! ईस्ट इंडिया कंपनी की पुनर्वापिसी हो चुकी, चहुंओर खुशी का माहौल है, सब लोग संपन्न हैं! फलाने हैं, तभी ये संभव हो सका! हम सब राष्ट्रभक्त हैं, फलाने के हाथों देश सुरक्षित और आज हमारा देश विश्वगुरु बन चुका है! हमारे देश को राष्ट्रद्रोही सरकारों से स्वतंत्रता ही २०१४ को मिली! ये बात स्वयं महान इतिहासकार सुश्री कंगना रनौत, जो कि महेश भट्ट की यूनिवर्सिटी से "अस्मिता की स्वतंत्रता" विषय पर पीएचडी कर चुकी, उन्होंने घोषित कर इतिहास में दर्ज भी करवा दिया!