#Pakistan में बिजली की कीमत 24.80 रूपए यूनिट!

#Pakistan में बिजली की कीमत 24.80 रूपए यूनिट! #AT2Video #News #India #Pakistan (Sayeed Ansari)

           

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श्री मान जी हम भारतवासियों को दूसरे देश से क्या मतलब, दूसरे देश में किस चीज़ की दाम बढ़ रही है या घट रही है उससे हम देशवासियों को क्या मतलब हमें हमारे देशवासियों को, हमारे भारत की जनता को कितनी सस्ती सुविस्ता बिजली प्रत्येक यूनिट मिल रही है इससे मतलब है यहां तो प्रति यूनिट बिजली की दरें आसमान छू रही है और आप बात कर रहे हैं दूसरे देश की, महंगाई चरम सीमा लांघ गया है आप बात कर रहे हैं दूसरे देश की, पेट्रोल डीजल गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं और आप बात कर रहे हैं दूसरे देशों की, सरसों तेल 250 रूपए प्रति लीटर हमारे भारत में बिक गए और आप बात कर रहे हैं दूसरे देशों की, बेरोजगार युवाओं को रोजगार नौकरी दो करोड़ हर साल साल देने की बात लेकिन रोजगार करने वाले बेरोजगार हो गए और बात करते हैं दूसरे देशों की, बड़े बड़े उद्योगपतियों के जिनके 10 हजार करोड़ देश की जनता की पैसा उन्हें दो हजार प्रतिमाह देने का और और मामूली कुछ महीने सजा और सामान्य लोगों की लोन पर कुर्की जब्ती , ट्रेन की यात्रा भाड़ा, कमर्शियल भाड़ा,बस भाड़ा आसमान छू रहे हैं और यही नहीं आए दिन बीपीएससी, दरोगा भर्ती, शिक्षा भर्ती इत्यादि में परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक, इतने-इतने भर्तियों के लिए करोड़ों अरबों रुपए फार्म भरने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से ले ली जाती है और कभी प्रश्न पत्र लीक,कभी अपरिहार्य कारण बताकर परीक्षा कैंसिल, परीक्षा हो गई तो परिणाम कैंसिल, यदि परिणाम निकल गई तो ज्वाइनिंग लेटर में विलंब यदि ज्वाइनिंग लेटर मिल गई तो पदस्थापना में विलंब आखिरकार हमारे देश में हो क्या रहा है कहीं किसान परेशान,आम जनता महंगाई से परेशान, बेरोजगार युवा नौकरी रोजगार के लिए परेशान,ब्यपारी ब्यपार करने में परेशान चारों तरफ हाहाकार मची हुई है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है,न सुनने वाला कोई है बड़े बड़े उद्योगपतियों को घर बैठे अकूत रूपए बैंकों द्वारा आवंटित कर दिए जाते हैं और छोटे-छोटे ब्यपारियों को, समान्य नागरिकों को बैंकों के दरवाजे पर दौड़ते दौड़ते चप्पल घिसकर टूट जाते हैं हमारे भारत में किसी को काफी सुविधाएं जो गिने-चुने नामी लोग हैं उनके लिए जो कुछेक लोग हैं और आम नागरिकों के लिए अलग अलग नियम कानून हमारे ही देश में अलग-अलग नियम यह विसंगति क्यों हां जो चोर है, जिसने देश की संपत्ति को हड़पा है, देश की संपत्ति की क्षति पहुंचाई है ,जिसने देश का नुक़सान किया है उसे कठोरतम सजा दी जाए देश की जनता सरकार के साथ है लेकिन इसके लिए देश की जनता को परेशानी उठानी पड़े कुछेक लोग अर्थात 2-5 % मालभोग खाएं और और 95% जनता कराहते रहे यह कहां का न्याय धर्म है हां जिसने लूटा है उससे धन वसूली करे सरकार देश की जनता सरकार के साथ है लेकिन देश की समस्याओं पर भी देश की सरकार ध्यान देना चाहिए जो नहीं दे रही है । जय श्री राम जय जय हनुमान