चुनाव से पहले पार्टियों के फ्री गिफ्ट के वादे का मामला सुप्रीम कोर्ट में

चुनाव से पहले पार्टियों के फ्री गिफ्ट के वादे का मामला सुप्रीम कोर्ट में #AajTakDigital #RNA #RNAwithSanjeevPaliwal #रेवड़ी_कल्चर

           

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साहब माफी चाहेंगे हम भारतीय खास तौर पर उनसे और उसके बाद आपसे और उसके बाद उनसे जिसके बारे में आपने यह सब महान ज्ञान दिया माफ कर दो साहब हमसे गलती हो गई एक बार फिर सोचेंगे इन तीनों के बारे में अगर जिंदा रहे तो साहब बन्ना तो कुछ कह दिया इत्तेफाक की बात है माफी चाहेंगे साहब इत्तेफाक होगा तुम्हारे लिए हमें तो खबर ही नहीं मिलती बहुत चक्के रह जाते हैं हम हम का मतलब हम सब भारतीय है हम सब हिंदुस्तानी यह सुनकर यह देख कर और यह सोचकर कि कोई कह रहा है सर तन से जुदा साहब यह तो नाइंसाफी है साहब कुछ सोचो साहब आप ही बताओ साहब क्या करें हम आप हम हम हिंदुस्तानी आप ही बताओ यह सब क्या है निगाहों में गूंगे हैं हम गूंगे हैं हम सब सवाल यह है हमें गूंगा बनाया किसने और क्यों और फिर क्या हमारी वापस आएगी तो फिर क्या करें साहब आप तो पूरी दुनिया जानती है समझदार है रहे हम तो हम तो साहब जिंदगी खेलती होती है इस तरह इस तरह मजाक होना चाहिए जिंदगी के साथ सर तब से जुदा आखिर इस सब को देखता कौन है कहता कौन है इन सब देखने वाले कहने बाद इन सबके होते हुए आगे क्या कहूं साहब बात आ जाएगी न्याय की साहब न्याय अन्याय होना चाहते साहब बाकी आपकी मर्जी साहब बात कहने की नहीं है न्याय अन्याय के गधे से लक और न्याय अन्याय के बीच के अजीत से खबर जाल में फस कर कुछ खुद उत्साहित होकर और कुछ उसे खुद चमत्कारिक रूप से उसके ही द्वारा उसे उत्प्रेरित करके उसे उस जगह पहुंचा दिया गया है कि जहां उसे खुद ही नहीं पता मैं हूं क्या क्षमा चाहता हूं साहब इत्तेफाक की बात है माफ करिएगा साहब कुछ कह दिया हो तो गलती क्षमा करिएगा साहब लेकिन जो कुछ कहा उस पर गौर करिएगा साहब मत करिएगा साहब क्षमा करिएगा साहब माफ करती साहब हम हिंदुस्तानी हैं सबसे ज्यादा क्या कहते साहब