1ºबीजेपी नेताओं के भृष्टाचार और जो विपक्षी भृष्टाचार के आरोप में बीजेपी द्वारा ही आरोपित होते हैं, ऐसे नेता जब बीजेपी के कीचड़ में शरणागत होकर डुबकी लगाकर कमल की तरह खिल जाते हैं, उनके सारे गुनाह माफ, ईडी की जांच बंद? अभी हाल में जो महाराष्ट्र में हुआ? इन लिपे-पुते चेहरों से मीडियायी कोठों से इस संबंध में कोई मुजरे पेस नहीं होते! ये डेंटिड-पेंटुड चेहरे सिर्फ सत्ता के कसीदे गढ़ते और विपक्षी नेताओं को घेरने के लिये मुजरे पेस करने के लिये ही? .....और फिर सौ करोड़़ी रिश्वतखोर तिहाड़ी तो मीडियायी कोठे Zee से इसी मीडियायी कोठे AajTak पर दलाली करने आ गया! मीडियायी कोठे अलग-अलग, लेकिन मुजरे तो एक हैं?