1ºDeependra Kushwaha मेरे भाई कश्मीर फाइल्स की तरह गोधरा कांड ,पुलवामा का सच ,नक्सलियों का सच ,आसाम में लाल डेंगा ,पंजाब में खालिस्तान का सच सहित तमाम मुद्दे हैं जो फिल्म में दिखाई देना चाहिये कि नही??लेकिन समझदार सरकार ऐसे संबेदनशील मुद्दो को जानबूझकर दिखाकर अशांति को बढ़ावा नही देती ।अनपढ ,बेबकूफों के समय में दिखाया जा रहा है तो क्या करें?जब जिम्मेदार कुर्षी में बैठे लोग ही अशिक्षित हरकत करेंगे तो आप हम जैसे सामान्य जनता कैसे सोच पायेगी??गलती आपकी नही??मजे की बात यह है कि ऐसा करने से भाजपा का बोट बैंक अंधभक्तो की पैदाइश बढ़नें लगती है ।मतलब वोट की राजनीति ,देश से कोई मतलब नही??
2ºमौका परस्त और मौके पर चौका को चरितार्थ करती हुई तथाकथित सभ्य महिला। गांधी परिवार के लिए कभी आग उगला था इसी बच्चन परिवार ने, अब.... ऐसा करके नजदीकीयां बन जायेगी। सच है! एक महिला ही महिला की दुश्मन होती है!!
एक अदद अफसोस जनक शब्द तक नवीनतम अपमानित की गई महामहिम के लिए नहीं ही निकले!!
उनके अपमान से कहीं ज्यादा फिक्र अपनी फ्रेटरनिटी को सपोर्ट करना ही दृश्यमान हुआ।
कोई बात नहीं...!! ये पब्लिक है बाबु सब जानती है। अन्दर क्या है बाहर क्या है ये सब कुछ पहचानती है। बॉयकॉट से तिलमिलाई एक पूर्व नेत्री अपनी भूल मानने के बजाए (लम्बे समय से टिका धारियों को बुरे कर्म में लिप्त दिखाना, किसी एक वर्ग को ऊपर रखना, उन्हे महान बताना) ऊंगली सामने उठाने में ही विश्वास रखती है खुद की ओर उठे तीन उंगलियों को दरकिनार करते हुए।
3ºMunesh Kumar बिल्कुल! क्योंकि इन लोगों को तुष्टिकरण की राजनीति के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं देता। सरकार कितना भी सही काम करे, इन लोगों ने ठान लिया है कि विरोध करना है तो करना है। राजशाही की तरह बहुत लोगों ने कांग्रेस के साथ व्यवहार किया, लेकिन अब जनता की आँखें खुल चुकी है कि कांग्रेस हर हाल में शुरू से हीं मुस्लिमों और देश को इस्लामीकरण करने वाले आतंकवादी संगठन (PFI), मार-काट करने वाले आतंकवादियों और पकड़े गए आरोपियों के पक्ष में आँसू बहाती रही है।
मैं तो कहता हूँ कि कांग्रेस सहित केजरीवाल की आप पार्टी, ममता बनर्जी की टीएमसी तथा अन्य देश के लिए ख़तरनाक पार्टियों का नाश होना हर हाल में देश-हित में है। वरना एक दिन वही होगा जो कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का हाल हुआ है।