AAP के ट्रैक में फंस गए गौरव भाटिया...

#AAP पिछले 15-20 दिनों से ड्रामा कर रही थी और कल गौरव भाटिया जी उनके ट्रैक में फंस गए। वो चाहते थे कि दारूशाला से हम इनकों पाठशाला में ले जाकर छोड़ दें और वहीं हुआ। असली मुद्दे उन्हें भटकाना था और #BJP भटक गई: #Congress प्रवक्ता Alok Sharma #Delhi #हल्ला_बोल | Anjana Om Kashyap

           

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भाद्रपद मास 13 अगस्त से 10 सितंबर तक है। भाद्रपद शुरू होने के 8 दिन बाद कृष्ण जन्माष्टमी, उसके एक पखवाड़े (15 दिन) बाद राधा जन्माष्टमी पर्व है। गणेश चतुर्थी आज 31 अगस्त को है।

गणेश चतुर्थी को ही कलंक चतुर्थी होने से साल में एक दिन चन्द्र दर्शन वर्जित होने से चन्द्रमा न देखें। चन्द्रमा प्रतिदिन 48 मिनट बढ़ने-घटने अनुसार, आज रूड़की में चतुर्थी को शाम 06:42 पर सूर्यास्त होने से 4× 48= 192 मिनट (3 घंटे 12 मिनट) तक रात्रि 09:54 बजे तक ही चन्द्रमा दिखाई देगा। इसलिए साल में एक दिन सूर्यास्त उपरांत जिस दिशा में चन्द्रमा उदय होता है, उस दिशा की तरफ 3-4 घंटे सर झुकाये रखना कोई बुराई नहीं। किस दिशा में चंद्रमा उदय होता है, यह जानकारी अमावस्या के 4 दिन बाद शाम को हो जाती है।

इंसान को औकात में रखने के लिए जब Corona ने 2 बार 2 महीने मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा, जिससे वह खुलेआम घूमते समय मुंह पर पट्टा बांधे रहा, तो साल में एक दिन चन्द्र दर्शन न करने के लिए 3-4 घंटे मुंह झुकाये रखे तो कौनसी दिक्कत है?

इस मास में बयार (कूलर हवा) से बचाव जरूरी है। दीवार से टकराकर कमरे में फैली हवा से नुक़सान नहीं। रात्रि में जरूरी होने से पंखा चला सकते हैं, लेकिन मध्य-रात्रि नींद खुलने पर बंद अवश्य कर दें। सोते समय ओढ़ने के लिए चद्दर रखें। अप्रैल-मई में कपड़ों का पसीना जल्दी सूख जाता है, लेकिन इस माह में उमस के कारण घंटों सूखते ही नहीं या चिपचिपे रहते हैं, इसलिए 4-5 घंटों से ज्यादा समय की यात्रा दौरान एक जोड़ी कपड़े, स्नान के वस्त्र तथा पसीना पोछने के लिए छोटा तौलिया साथ रखें।

भाद्रपद में मट्ठा (छाछ) बहुत नुकसानदेह होता है, लेकिन तीव्र इच्छा करे तो नींबू, सौंफ-मिश्री का पानी या ग्लुकोज पानी पीयें या कढ़ी खा सकते हैं। चाय, नींबू तथा ग्लूकोज पानी में समान गुण है कि सभी ताजगी लाते हैं। जहाँ चाय से कई घंटे ताजगी रहती है, वहीं अधिक मात्रा होने पर गैस्ट्रिक, एसिडिटी के अलावा तलब के समय न मिले तो छटपटाहट होती है। नींबू तथा ग्लुकोज़ की अधिक मात्रा से कफ के अलावा जुकाम तथा बूखार हो सकता है। वैसे ग्लुकोज़ पानी अच्छी नींद में सहायक होता है। नींबू तथा लौंग का "समान तथा विपरीत" तालमेल है कि दोनों से शूगर घटती है, लेकिन नींबू कफ बढ़ाता है तो लौंग कफ खत्म करती है।

क तथा र = करेला

क तथा र = कुंदरू (परवल जैसा)

इन 2 ककारों में जो करेला बैशाख (अप्रैल) में अमृत तुल्य है, वही करेला आश्विन (सितंबर) में नुकसानदेह होने से अगस्त से फरवरी (7 महीने) नहीं खाना चाहिए। इसलिए प्रकृति ने डायबिटीज मरीजों खातिर करेला-तुल्य कुंदरू बनाया है, जो इस महीने भरपूर मिलते हैं। इसके अलावा प्याज भी अगस्त से सितंबर तक बहुत कम खानी चाहिए। लौकी-तौरई सुपाच्य होने से खाई जा सकती हैं।

इस महीने सब्जी-फल तथा कच्चा या गीला खाद्यान्न जल्दी खराब हो जाता है, इसलिए प्याज-सलाद इत्यादि तत्काल कटी हो। दाल-सब्जी तथा रसोई में बनाए हुए खाद्यान्न तो घी-तेल में फ्राई या गर्म कर सकते हैं, लेकिन आटा रोटी बनाते समय ही गूंथें। फल-सब्जी सीमित खरीदें।

जहाँ फरवरी में धूप फायदेमंद है, ठीक 6 महीने बाद भाद्रपद मास में प्रातः 07 बजे के बाद अत्यंत हानिकारक है, इसलिए दिन में सर पर कपड़ा रखें। एक हरियाणवी कहावत है "साझा का काम और भादवा का घाम" बेहद नुकसानदायक होता है। इस महीने रक्तचाप बढ़ने की आशंका होती है।




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