1ºमशीनों की शक्ति को व्यक्ति की शक्ति नहीं कहा जाता है। आजकल व्यक्ति में शक्तिशाली होने का नाटक ही दिखाया जाता है। व्यक्ति तो बिल्कुल ही शक्तिहीन है। कम्प्यूटर में गेम में कैसे दिखाया गया है,नाटक करनेवाले का अनुकरण करनेवाले भी नाटकी ही कहे जाते हैं। ये सब नाटक नौटंकी कहा जाता है।
यदि किसी को सौ प्रतिशत झूठ देखना हो तो फिल्म देख ले। न इसमें कोई किसी की पत्नी होती है और न ही किसी का विवाह होता है और न ही कोई मरता है। बस,एक नाटक ही है।
सत्य में नाटक नहीं होता है और नाटक में सत्य नहीं होता है। अवतार जैसे अच्छे शब्दों का प्रयोग कहां करना चाहिए,उसका भी विचार करना चाहिए।