शाबाश रिचा! दो बच्चों को अकेले पालकर भी RJS परीक्षा में पाई 88वीं रैंक, बनीं अफसर, ठुकरा दी थी अनुकंप

अनुकम्पा सर्विस को ठुकराया, दोनों बच्चों को अकेले पाला, मेहनत के बाद मिला ये पद...

           

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एक प्रेरक सफलता ..

RJS परीक्षा परिणाम में मेरिट क्रमांक 88 पर चयनित होकर RJS बनी श्री मति रिचा शेखावत की सफलता की अद्भुत कहानी

कहते हैं पहाड़ सा हौसला रखने वाले कभी मुश्किलों में रेत नहीं होते। रिचा शेखावत पुत्री श्री रतन सिंह शेखावत तमाम मुश्किलों को मात देकर ये RJS में चयनित हुई हैं।

पारिवारिक परिचय व संघर्ष- रिचा शेखावत ने BA , MA ( English ), LLB, LLM व PG Diploma in Legel & Forensic Science की शिक्षा महारानी कॉलेज बीकानेर व MGS University , Bikaaner से की हैं ।

आपका विवाह 2006 में श्री नवीन सिंह राठौड़ RPS निवासी - थैलासर ( चुरु ) से हुआ। विवाह के तीन माह पश्चात ही अचानक एक दुर्घटना में सास का स्वर्गवास हो गया और पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के साथ साथ वर्ष 2009 में LLB करी। वर्ष 2017 में अचानक कार्डियक अरेस्ट से पति का देहान्त व 2018 में अचानक ससुर का भी स्वर्गवास हो गया ।
चाहती तो कहीं कांस्टेबल-बाबू के पद पर अनुकंपा नौकरी लग सकती थीं, मगर इन्होंने अनुकम्पा को सविनय नकारते हुए संघर्ष को चुना और कामयाब हुईं।
अपने 2 बच्चों का पालन - पोषण करते हुए वर्ष 2018 में PG Diploma in Legel & Forensic Science की , वर्ष 2020 में MGSU Bikaner से सर्वोच्च स्थान प्राप्त करते हुए LLM किया। वर्ष 2021में RPSC से चयनित होकर विधि अधिकारी बनी और PHED बीकानेर में पदेस्थापित हुई ।

RJS परीक्षा परिणाम में मेरिट क्रमांक 88 पर चयनित होकर RJS बनी है ।

जैसा Retd RPS श्री नरपत सिंह सा ने बताया ..




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