1ºएक बार डाकूओं ने कवि सम्मेलन से लौटते कुछ कवियों का अपहरण कर लिया । कवि बेचारे गिड़गिड़ा कर दुहाई देने लगे कि कोई उनके लिए 100 रूपये की फिरौती भी नहीं देगा ।
डाकूओं के सरदार ने कहा, कोई बात नहीं, हम हमारी मेहनत बेकार नहीं जाने देंगे और हुक्म दिया कि कवि सम्मेलन का आनंद उन्हें भी दिया जाए ।
कवियों ने सहर्ष एक से एक बढ़िया कविता प्रस्तुत की । डाकूओं ने भरपूर आनंद उठाया और खुश हो कर सोने के आभूषण प्रदान कर उन्हें विदा किया । कवि बहुत खुशी खुशी घरों को चल पड़े ।
थोड़ी ही देर में डाकूओं का वही दल आया और उनको दिए गए आभूषण लूट लिए । कवियों को आश्चर्य में देख सरदार ने कहा कि आपको पुरस्कृत करना हमारा कर्तव्य था और आपको लूटना हमारा पेशा है।
इस कहानी का पंजाब और दिल्ली की मुफ्त बिजली पानी योजना से ही लेना देना है !
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