1ºमैं 2011 में पहली बार जब रात्रि के समय अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उतरा तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि यह अयोध्या स्टेशन है, वहाँ की आधारभुत संरचना और सुविधा देखकर मन विचलित हो गया, एक बार एक वृद्ध मारवाड़ी दम्पति को ट्रेन के लिए वहाँ बैठे देखकर और दूसरी बार बंगाल की महिलाओं के समूह को देखकर मैं अपना प्रयोजन खो चुका थे, मैं वहाँ परीक्षा देने गया था लेकिन उस पूरी यात्रा की अनुभूति और वर्तमान घटनाक्रम के आधार पर मैं यह कह सकता हूँ कि राम शब्द और राममयी विचारधारा में एक आध्यात्मिक शक्ति है, इस भैतिकतावादि युग में राम का महत्व और भी बढ़ जाता है, जय श्री राम.