1ºकपिल सिब्बल जैसे वकील बैठे हैं इनको छुड़ाने के लिए । कल ही इन्होंने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत करवाई है । इनको बचाने के लिए कोर्ट भी रात 2 बजे खुलने के लिए तैयार है ।
जैसे एक उदाहरण देख लो हाल ही का
नोएडा में सुपरटेक के दो टावर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बारूद लगा कर गिराए गए क्योंकि टावर बनाने में नक्शे मे दिक्कत थी, जितनी बना सकते है उससे ज्यादा बना ली थी। हालांकि जमीन सुपरटेक वालों की ही थी।
और जहाँगीर पुरी में बांगलादेशी रोहिंग्याओं द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाए हुए मकानों और दुकानों से सुप्रीम कोर्ट को कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि न वो इस देश के नागरिक हैं न ही जमीन के मालिक और न ही उन्होंने कोई नक्शा पास कराया है।
सुपरटेक का मालिक अरबपति होते हुए भी अपनी करोड़ों की संपत्ति नहीं बचा पाया और ये बांग्लादेश रोहिंग्या ने कंगाल होते हुए भी रातों रात सुप्रीम कोर्ट को खरीद लिया। सोचो, कितनी बड़ी अंतरराष्ट्रीय शक्तियां होंगी इनके पीछे।
*बहुत ही चिंतनीय विषय है।*