Ind Vs SL Asia Cup 2022: श्रीलंका से आखिरी ओवर में मिली हार, क्या अब भी फाइनल में पहुंच सकता है भारत?

Ind Vs SL Asia Cup 2022: श्रीलंका से आखिरी ओवर में मिली हार, क्या अब भी फाइनल में पहुंच सकता है भारत? #IndVsSL #AsiaCup2022

           

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बार बार होने वाली चूकों पर टीम इंडिया के हर सदस्य और कोच का फोकस उसमें सुधार करने के लिए क्यों नहीं होता?
दबाव में टीम का बार बार बिखरना देखा होगा?
फिर शैली में गंभीरता क्यों नहीं?
क्या हुआ इस टीम को जिसने आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों को उनके घर में भी धूल चटाई है.
आप उस टीम का नेतृत्व करते हैं.
ये टीम एक हार के बाद पलटवार करने के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है. फिर श्रीलंका के साथ खेलते हुए टीम पलटवार के गुण कैसे भूल गयी?
ये हार जीत का सिलसिला है या टीम में अंतर्कलह?
खिलाड़ी कोई अयोग्य नहीं है बल्कि टीम का अंतर्कलह इसे दीमक की तरह चाट रहा है.
ये अंतर्कलह अकेला नहीं साथ में राजनीति का मिश्रण भी है.
देखते हैं शीर्ष नेतृत्व इसे कब समझ पाएगा??


ICC T20 world cup 2007 | 2007 T20 World cup
T20WordCUP2007 साल 2007 में टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर राहुल द्रविड़ की कप्तानी में खेलती हुई नजर आ रही थी. यहीं से टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका टी20 विश्व कप के लिए जाना था. राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया के लिए यह दौरा बुरा नहीं गया था. T20 विश्व कप के लिए जब टीम का चयन किया जा रहा था तो उस समय के कप्तान राहुल द्रविड़ के पास चयन-कर्ता फोन करते हैं और उनसे टीम के लिए प्लेइंग इलेवन पर राय मांगी जाती है. राहुल द्रविड़ उसी समय ऐसा स्वीकार करते हैं कि सीनियर को टी20 विश्व कप से दूर हो जाना चाहिए. टीम इंडिया के चयनकर्ता शायद इस समय काफी मुश्किल में थे क्योंकि सीनियर खिलाड़ियों से वह ना नहीं कह सकते थे. अभी तक इन सीनियर खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के लिए काफी क्रिकेट खेला था लेकिन पहली बार हो रहे टी-20 विश्व कप में इनको हिस्सा न लेने दिया जाए यह शायद संभव नहीं हो सकता था.

राहुल द्रविड़ ने की थी सीनियर खिलाड़ियों से बात
उस समय कप्तान राहुल द्रविड़ ने सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर जैसे बड़े और सीनियर खिलाड़ियों से बात की थी और उनको मनाया था कि इस टी-20 विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी में युवा खिलाड़ियों को जगह मिलनी चाहिए. अगर सीनियर खिलाड़ी टीम में मौजूद रहेंगे तो उस स्थिति में जूनियर खिलाड़ी खुलकर नहीं खेल पाएंगे और शायद ऐसा हो सकता है कि इन छोटे और युवा खिलाड़ियों को मौका ना मिल पाए. महेंद्र सिंह धोनी भी पहली बार टीम की कप्तानी कर रहे थे और अगर टीम में सीनियर खिलाड़ी रहेंगे तब उस स्थिति में धोनी भी शायद खुलकर फैसले नहीं ले पाएंगे. यही कारण है कि राहुल द्रविड़ इस पक्ष में थे कि महेंद्र सिंह धोनी को उनके अनुसार कप्तानी मिलनी चाहिए.

यही कारण है कि टी-20 विश्व कप 2007 के अंदर टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ी और खासकर सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे सीनियर खिलाड़ी इस विश्व कप में हिस्सा नहीं ले पाए थे.

ऐसा ही भारतीय चयनकर्ताओं को करना चाहिए किसी युवा खिलाड़ी को कप्तान बनाकर युवा खिलाड़ी की टीम ऑस्ट्रेलिया भेजनी चाहिए टी20 विश्वकप 2022 के लिए