दिल्ली की नोटिस फाड़ सियासत!

संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ी LG के लीगल नोटिस की कॉपी #ATVideo #ATVertical

           

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Avadhesh Kumar report
पंजाब सरकार कर्मचारियों का अगस्त मका वेतन नहीं दे पाई है। आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों को बीते महीने का वेतन 1 तारीख को दी जाती है। साफ है कि पंजाब सरकार धन की कमी से जूझ रही है। है। अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था समाप्त होने के बाद से संकट बढ़ा है। राज्य सरकार को जीएसटी कंपेनसेशन के तहत 16 हजार करोड़ रुपये मिले थे। इस साल पंजाब सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही का ही जीएसटी मिला था। इसके बाद 30 जून से यह प्रणाली समाप्त हो गई।
पंजाब सरकार के खजाने पर बिजली सब्सिडी का बोझ बढ़ रहा है। इस साल करीब 20,000 करोड़ रुपये का सब्सिडी बोझ पंजाब सरकार पर पड़ेगा। इसमें 18,000 करोड़ रुपये की मुफ्त बिजली शामिल है, जो किसानों को दी जा रही है।
आप सरकार ने हर घर को 300 यूनिट मुफ्ट बिजली देने का ऐलान किया है। पिछले वर्ष दिसंबर तक बकाया बिलों की माफी से 1,298 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है। वेतन और बिजली सब्सिडी के अलावा पंजाब सरकार पर 20,122 करोड़ रुपये की ब्याज अदायगी तथा पेंशन का 15,145 करोड़ रुपये का बकाया है। अडवांस और कर्ज की भी 27,927 करोड़ रुपये भुगतान करनी है। अन्य खर्चों पर 20,000 करोड़ की जरूरत पंजाब को है। अब देखना होगा भगवंत मान सरकार राशि की कमीज के बीच कैसे रास्ता निकालती है। अलग-अलग बड़ों को वेतन देने की शुरुआत हो रही है। पहले ग्रुप डी, फिर ग्रुप सी, फिर ग्रुप भी और अंत में ग्रुप ए। किसी प्रकार सभी के वेतन की व्यवस्था हो गई तब भी पंजाब का वित्तीय संकट से उबरना मुश्किल होगा। उन्हें जनता से किए गए मुफ्त वायदों को भी पूरा करना है।