1ºसुरक्षा के नाम पर लोगों पर अंकुश लगाने, खौफ कायम रखने, और नियम बनाकर, नाजायज तरीके से वसूली/लूट का फार्मूला बनाया गया है। मौत के आंकड़ों में तरह तरह की बीमारिया, स्वास्थ्य सुविधा की बदहाली, गरीबों की संख्या में इजाफा, नौकरी/रोजगार का न होना, अत्यधिक महंगाई एवं टैक्स बढ़ाना, खराब सड़क/विद्युत दुर्घटना, भुखमरी आदि के कारण लाखों मौतें होती है लेकिन इनमे से किसी भी कारण के लिए कोई सुधार/नियम जरूरी नहीं है। लेकिन लगभग 135 करोड़ की आबादी में से एक व्यक्ति के मौत को बहाना बनाकर, जनता पर नियंत्रण बनाने, उनको डराने एवं नियमों का हवाला देकर जुर्माना वसूली/लूटने का फार्मूला ईजाद करना गिरी हुई मानसिकता का परिचायक है। जिस प्रकार चोर, डकैत, छिनती करने वाले, राह चलते लोगो को लूटने के नए नए तरीके सोचते/बनाते है। उससे कई कदम आगे बढ़कर लूटने के तरीके, आज हुक्मरानों द्वारा ईजाद किए जा रहे है। इसके लिए "मुख में राम, बगल मे छुरी" का मुहावरा सटीक उदाहरण है। दिखावा सुरक्षा के नाम का लेकिन इरादा विशुद्ध रूप से लूट का।