1ºउत्तराखंड में भर्ती घोटोले की रिपोर्ट पढ़ रहा था। ख़बरों के अनुसार बीजेपी के मंत्री के रिश्तेदार और पीआरओ,आर एस एस के प्रचारकों के रिश्तेदारों को कथित रुप से नौकरियाँ दी गई हैं। बीजेपी के पूर्व स्पीकर की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
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बीजेपी के राज में हुए घोटाले के असर को कम करने के लिए इसे कांग्रेस के राज से चला आ रहा घोटाला बता कर सामान्य किया जा रहा है। बीजेपी सत्ता में इसी वादे के साथ आई कि कांग्रेस के राज में जो घोटाला हो रहा है, उसे पकड़ेंगे न कि वही करते रहेंगे।
समाज बंट गया है। जो बीजेपी के समर्थक हैं वो कभी नहीं पूछेंगे कि राष्ट्रवाद का क्या यही असर हुआ है कि बीजेपी और संघ के लोग जुगाड़ से अपनों की नौकरी दिला रहे हैं। असली परिवारवादी का खेल तो यहाँ हैं।